ऋणपत्र शोधन कोष को समझाइए
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ऋणपत्र या डिबेंचर एक तरह का प्रमान पत्र है जो जानकारी देता है कि कंपनी निवेशक को एक निश्चित राशि देगी। इस भुगतान में मूल राशि पर ब्याज और मैच्योरिटी होने पर पूंजी मिलती है। डिबेंचर मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं।
पूर्ण परिवर्तनीय ऋणपत्र (फुली कंवर्टबिल डिबेंचर)
इसमें निवेशक को ब्याज शुरुआती स्तर पर मिलता है। इस स्थिति में निवेशक को मूल राशि लौटायी नहीं जाती, सिवाय इसके कि निवेशक कंपनी में शेयरधारक न हो।
अपरिवर्तनीय ऋणपत्र (कंवर्टबिल डिबेंचर)
इन डिबेंचरों को इक्विटी या शेयरों में नहीं बदला जा सकता। यह मैच्योरिटी होने पर निवेशक को प्रिंसिपल अमाउंट अदा करते हैं।
आंशिक परिवर्तनीय ऋणपत्र (पार्शियली कंवर्टबिल डिबेंचर)
इए वो डिबेंचर होते हैं जो मैच्योरिटी के बाद मूल राशि के साथ कुछ इक्विटी और शेयर भी देते हैं।
Answer: shodhan kos ke prakar
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