'rishton ki garmi dhumil ho sakti hai lekin mit ti nhi' harihar kaka path ke adhaar par is kathan par apne vichar likhiye?
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उत्तर :- यह सच है कि रिश्तों में दरार आ सकती है लेकिन मिट नहीं सकते |
यदि हमारे आसपास कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसकी हालत हरिहर काका जैसी हो तो मैं उसकी पूरी तरह मदद करने की कोशिश करुंगा । उनसे मिलकर उनके दुख का कारण पता करुंगा , उन्हें अहसास दिलाऊंगा कि वे अकेले नहीं हैं। सबसे पहले तो यह विश्वास कराना होगा कि सभी व्यक्ति लालची नहीं होते हैं। इस तरह मौन रह कर दूसरों को मौका न दें बल्कि उल्लास से शेष जीवन बिताएँ। रिश्तेदारों से मिलकर उनके संबंध सुधारने का प्रयत्न करुंगा । स्वयंसेवी संस्था से मिलकर भी उनकी समस्या को सुलझाने का प्रयास करुंगा।
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'रिश्तों की गर्मी धूमिल हो सकती है लेकिन मिटती नहीं'
Explanation:
- इस कथन से लेखक कहना चाहते हैं की रिश्तों पर कुछ समय के लिए स्वार्थ और लालच के कारण धूल ज़रूर जम जाती है लेकिन वे कभी भी खत्म नहीं होते I
- आवश्यकता पड़ने पर वही रिश्ते हमारे काम आते हैं , हमारी सहायता करते हैं और हमारा सहारा बनते हैंI
- इसलिए लेखक कहते हैं कि रिश्ते थोड़े समय के लिए स्वार्थ के कारण धूमिल हो सकते हैं लेकिन रिश्तों के मूल्य और मानवीयता उन्हें जोड़कर रखती हैI
Learn more: हरिहर काका
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