ऋतु प्रवास का क्या तात्पर्य हैएक वाक्य में उत्तर
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जब किसी मौसम में लोग एक स्थान छोड़कर दूसरे अनुकूल स्थान पर रहने लगते हैं तथा मौसम बदलते ही पुनः उस स्थान पर जाकर रहने लगते हैं, इसी मौसमी स्थानांतरण को 'ऋतु प्रवास' कहा जाता है। ठंड के मौसम में पहाड़ों पर जब बर्फ गिरने लगती है, तो जनजातियां नीचे घाटियों की ओर चली जाती हैं।
Answer:
ऋतु प्रवास (Transhumance)
दो भिन्न जलवायु दशाओं वाले क्षेत्रों में सामान्यतः पशुचारकों द्वारा अपने पशुओं के साथ मौसम परिवर्तन के अनुसार किया जाने वाला प्रवास। मौसमी प्रवास अधिकांशतः शीतोष्ण कटिबंध में पर्वतीय तथा मैदानी घाटियों के मध्य होता है। ग्रीष्म ऋतु में जब निचली घाटियों में चारागाह सूखने लगते हैं, पशुचारक अपने पशुओं (भेड़, बकरियों आदि) को लेकर उच्चवर्ती चारागाहों के लिए प्रस्थान करते हैं और ग्रीष्म ऋतु में पहाड़ी भागों में रहते हैं। शीत ऋतु आरंभ होने पर पर्वतीय चारागाह बर्फ से ढक जाते हैं और वहाँ ठंडक अधिक बढ़ जाती है। अतः पशुचारक शीत ऋतु आरंभ होने के पहले ही वहाँ से निचली घाटियों के लिए प्रस्थान करते हैं जहाँ उस समय चारागाह उपलब्ध रहता है और ठंडक अपेक्षाकृत् काफी कम रहती है। इस प्रकार के मौसमी प्रवास के उदाहरण हिमालय,आल्पस, क्यूनलुन आदि पर्वतों के ढालों पर पाये जाते हैं।
Explanation:
ऋतु प्रवास (Transhumance)
दो भिन्न जलवायु दशाओं वाले क्षेत्रों में सामान्यतः पशुचारकों द्वारा अपने पशुओं के साथ मौसम परिवर्तन के अनुसार किया जाने वाला प्रवास। मौसमी प्रवास अधिकांशतः शीतोष्ण कटिबंध में पर्वतीय तथा मैदानी घाटियों के मध्य होता है। ग्रीष्म ऋतु में जब निचली घाटियों में चारागाह सूखने लगते हैं, पशुचारक अपने पशुओं (भेड़, बकरियों आदि) को लेकर उच्चवर्ती चारागाहों के लिए प्रस्थान करते हैं और ग्रीष्म ऋतु में पहाड़ी भागों में रहते हैं। शीत ऋतु आरंभ होने पर पर्वतीय चारागाह बर्फ से ढक जाते हैं और वहाँ ठंडक अधिक बढ़ जाती है। अतः पशुचारक शीत ऋतु आरंभ होने के पहले ही वहाँ से निचली घाटियों के लिए प्रस्थान करते हैं जहाँ उस समय चारागाह उपलब्ध रहता है और ठंडक अपेक्षाकृत् काफी कम रहती है। इस प्रकार के मौसमी प्रवास के उदाहरण हिमालय,आल्पस, क्यूनलुन आदि पर्वतों के ढालों पर पाये जाते हैं।