Role of constitutional conventions in uk constitutionin hindi
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ब्रिटिश संविधान को ”संविधानों की जननी” कहा जाता है क्योंकि सबसे पुराने इस संविधान ने बाद के सभी संविधानों के लिए मार्गदर्शक का काम किया । वेध राजतंत्र वादी ब्रिटेन में ही आधुनिक विश्व की पहली प्रजातांत्रिक शासन प्रणाली अस्तित्व में आयी । कुलीनवाद से प्रेरित रहे ब्रिटेन में राजतंत्र के रहते हुए भी प्रजातांत्रिक संस्थाओं और प्रतिनिधिक शासन का विकास हुआ और अलिखित ब्रिटिश संविधान पर राजतंत्र, कुलीनतंत्र और जनतंत्र तीनों का असर आया ।
ब्रिटिश संविधान की विशेषताओं को इन संदर्भों में ही निम्नानुसार समझा जा सकता हैं:
1. अलिखित संविधान:
विश्व के विभिन्न प्रगतिशील देशों के संविधान जहां लिखित है, ब्रिटिश संविधान अलिखित है । यही नहीं वहां सरकारी काम काज के नियम आदि का भी अधिकांश भाग अलिखित है । वस्तुतः ब्रिटिश संविधान का विकास क्रमिक रूप से अन्य संस्थाओं के विकास के साथ हुआ और उसे कभी लेखबद्ध नहीं किया गया क्योंकि उसकी जरूरत उन्हें महसूस नहीं हुई ।
इसके पीछे मुख्य कारण उनकी व्यवहारिक और स्पष्ट सोच है । विधि के शासन का प्रतीक ब्रिटन बिना लिखित संविधान के इस प्रतीक को बनाये हुए है, यह विलक्षण विशेषता है । लेकिन यह भी एक तथ्य है कि लिखित न्यायिक निर्णयों, संसदीय अधिनियमों और शासनादेशों के रूप में संविधान का अंशतः लेखीकरण भी हो गया है । ऐसा संविधान को लिखित स्वरूप देने के उद्देश्य से नहीं हुआ है । यही कारण है कि ब्रिटिश संविधान एक अलिखित दस्तावेज ही है ।
2. परंपरागत रूप से क्रमिक विकास:
ब्रिटिश संविधान कोई एक दिन या एक वर्ष में एक स्थान पर बैठकर नहीं बनाया गया । इसका विकास पाँचवीं सदी से लेकर आज तक निरंतर रूप से हुआ और हो रहा है । इस संविधान के अधिकांश आधारभूत सिद्धांत या तर्क परंपराओं पर आधारित हैं ।
जे.एस.मिल ने इन परंपराओं को ”संविधान के अलिखित नीतिवचन” की संज्ञा दी है । यद्यपि ये परंपराएं न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय (लागू करने की बाध्यता) नहीं है तथापि वहाँ की शासन प्रणाली में मानवीय और पालनीय है । उनका महत्व इसी बात में है कि उनके बिना ब्रिटिश राज व्यवस्था की कल्पना नहीं की जा सकती ।
जैसे:
(1) ताज का मंत्रिमंडल के परामर्श से काम करना ।
(2) जन प्रतिनिधि सदन (हाउस आफ कामंस) के बहुमतधारी दल के नेता को ताज द्वारा प्रधानमत्री नियुक्त करना ।
(3) जन प्रतिनिधि सदन के प्रति मंत्रिमंडल का सामूहिक और व्यैक्तिक उत्तरदायित्व ।
(4) संसदीय अधिनियमों को ताज द्वारा स्वीकृति ।
(5) प्रधानमंत्री की सलाह पर जनप्रतिनिधि सदन की ताज द्वारा समाप्ति ।
(6) शासन का जनता के प्रति जवाबदेह होना । अपनी पुस्तक ”थॉट्स ऑन द कंस्टीट्यूशन” में एल. एस. एमरी कहते हैं कि ”ब्रिटिश संविधान कानून, पूर्ववर्तिता तथा परंपरा का मिश्रण है ।”