s तरंगों की तीन वशेषताएँ लखए.
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एस” तरंगें (S-waves): इन्हें गौण तरंगें (Secondary waves) अथवा अनुप्रस्थ तरंगें (Transverse Waves) भी कहते हैं. इन तरंगों की संचरण दिशा तथा कणों के दोलन की दिशा एक-दूसरे के समकोण पर होती हैं. इन तरंगों की औसत गति 4 किमी. ... ये तरंगें केवल ठोस माध्यम से ही गुजर सकती हैं, जबकि तरल माध्यम में लुप्त हो जाती है.
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