सुबह को गरम और दोपहर को तपती कहने से कया तात्पर्य है
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ङ) समय को गतिमान इसलिये कहा गया है क्योंकि समय किसी का इंतजार नहीं करता। (च) सुबह को गरम धूप और दुपहर को तपती धूप कहा गया है। (छ) स्वप्नलोक के पलों को क्षण-भंगुर के समान इसलिये कहा गया है क्योंकि सपनों की दुनिया जरा सी देर में नष्ट हो जाती है।
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yaar samaj nahi aayea
Explanation:
sorry
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