सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय देते हुए उनके जीवन का एक प्रेरक प्रसंग लिखिए
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Answer: sub hash Chandra Bose was born in Jan 23, 1897 - Aug 17, 1945 (age 48) he married to : Emile Schenkl and have 1 daughter named Anita Bose Piaf Subhas Chandra Bose was an Indian nationalist whose defiant patriotism made him a hero in India, but whose attempt during World War II to rid India of British rule with the help of Nazi Germany and Imperial Japan left a troubled legacy. The honorific Netaji, first applied in early 1942 to Bose in Germany by the Indian soldiers of the Indische Legion and by the German and Indian officials in the Special Bureau for India in Berlin, was later used throughout India.
Explanation:
here is sub hash Chandra Bose personal details
सुभाष चंद्र बोस का जीवन परिचय देते हुए उनके जीवन का एक प्रेरक प्रसंग लिखिए सुभाषचंद्र बोस जी नाम भारत देश के एक महान स्वतंत्रता संग्रामी में से एक थे | सुभाषचंद्र बोस ने अपने देश की आज़ादी के लिए बहुत प्रयास किए | सुभाषचंद्र बोस जी देश से बहुत प्यार था और उन्होंने अपनी पूरी ज़िन्दगी देश के नाम कर दी थी|
सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 में कटक , उड़ीसा में हुआ था| सुभाषचंद्र बोस बंगाली से संबद्ध रखते थे| नेता जी को बचपन से ही पढ़ाई में बहुत रुची थी, वे बहुत मेहनती और अपने अध्यापक के प्रिय थे|
सुभाषचंद्र बोस के स्कूल का एक प्रेरक प्रसंग
यह बात नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जब वह स्कूल में पढ़ा करते थे। बचपन से ही वह बहुत होशियार थे और सारे विषयों में उनके अच्छे अंक आते थे, लेकिन वे बंगाली विषय में कुछ कमजोर थे। अध्यापक ने जब सुभाषचंद्र बोस की बंगाली विषय की कमियों का जिक्र कक्षा में किया तो सभी छात्र उनका मजाक उड़ाने लगे। यह बात सुभाषचन्द्र बोस को अन्दर तक बुरा लगा। सुभाषचंद्र बोस ने मन ही मन निश्चय कर लिया कि वह बंगाली सही तरीके से जरूर सीखेंगे।
उन्होंने बंगाली का बारीकी से अध्ययन शुरू कर दिया। उन्होंने बंगाली के व्याकरण को पढ़ना शुरू कर दिया, उन्होंने दृढ़ निश्चय किया कि वह बंगाली में केवल पास ही नहीं होंगे बल्कि सबसे ज्यादा अंक लायेंगे।
कड़ी मेहनत करने के बाद सुभाष सिर्फ कक्षा में ही प्रथम नहीं आए बल्कि बंगाली में भी उन्होंने सबसे अधिक अंक प्राप्त किए । यह देखकर विद्यार्थी और शिक्षक सभी दंग रहे गए।
सब ने सुभाष से पूछा यह कैसे संभव हुआ ?
सुभाष विद्यार्थियों से बोले - यदि मन ,लगन ,उत्साह और एकाग्रता हो तो, इन्सान कुछ भी हासिल कर सकता है।
यदि जीवन में कुछ भी पाना हो तो हमारी मेहनत , लग्न हमेशा हमारा लक्ष्य तक लेकर जाती है|