Geography, asked by anweshasethi46, 5 months ago

सुभाषितानि
पोक्षे कार्यहन्तारं प्रत्यक्षे प्रियवादिनम् ।
बर्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुम्भं पयोमुखम् ।​

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Answered by navneetchaturvedi370
3

Explanation:

भावार्थ : पीठ पीछे काम बिगाड़नेवाले था सामने प्रिय बोलने वाले ऐसे मित्र को मुंह पर दूध रखे हुए विष के घड़े के समान त्याग देना चाहिए

Answered by saket3422
0

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