Hindi, asked by khanaganamika2007, 7 months ago

'सुभर जल' तथा हंस का गहन​

Answers

Answered by tiptop82
3

Answer:

samajh nhi aa rha kya likhu

Answered by purnamishra026
2

Answer:

" मानसरोवर सुभर जल, हंसा केलि कराहिं।

मुक्ताफल मुक्ता चुगै, अब उड़ि अनत ना

जाहि।। "

-प्रस्तुत पंक्तियां कबीर द्वारा रचित है।

- प्रस्तुत पंक्तियां कबीर की साखियाँ से

अवतरित है ।

प्रस्तुत वाक्य में ' मोती चुगने ' का आशय यह

है कि :-

आत्मा इस संसार से संतुष्ट है , अतः

आनंदित है । तत्पश्चात् वह इस जीवन को

छोड़ कर कहीं नहीं जाना चाहता है और वो

हंस के भांति ही , मोती चूगने में लगा हुआ है।

अर्थात जीवन का आनंद लेने में लगा हुआ है।

ठीक ऐसे ही , हंस मानसरोवर को ही अपना

जीवन मानकर उसमें मोती चूगने लगते है ।

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