सिंचाई से सम्बंधित 10 वाक्य संस्कृत मे लिखिए।
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Explanation:यह सतह की सिंचाई विधियों की सबसे आम विधि है। इस विधि में खेत छोटी-छोटी क्यारियों में बांट दिया जाता हैं जिनके चारो तरफ छोटी मेड़ें बना दी जाती है पानी मुख्य नाली से खेत की एक के बाद एक नाली में डाला जाता है खेत की हर नाली क्यारियों की दो पंक्तियों को पानी की पूर्ति करती है। यह विधि उन खेतों में प्रयोग की जाती है जो आकार में बड़े होते है और पूरे खेत का समतलीकरण एक समस्या होता है।
इस स्थिति में खेत को कई पट्टियों में बांट दिया जाता है और इनपट्टियों को मेंड़ द्वारा छोटी-छोटी क्यारियों में बांट लिया जाता है इस विधि का सबसे बड़ालाभ यह है कि इस में पानी पूरे खेत में एक समान तरीके से प्रभावित रूप में डाला जा सकता है। यह पास-पास उगाई जाने वाली फसलों के लिये जैसे मूँगफली, गेहूँ, छोटे खाद्दान्न पारा घास आदि के लिये उपयुक्त विधि है। इसके अवगुण है इसमें मजदूर अधिक लगते हैं,
मुख्य लेख: द्रप्स सिंचाई
इस विधि में यंत्र जिन्हें ए.मीटर या एप्लीकेटर कहते हैं के द्वारा जल धीरे-धीरे लगातार बूंद-बूंद करके या छोटे फुहार के रूप में पोधो तक प्लास्टिक की पतली नलियों के माध्यम से पहुँचाया जाता है। यह विधि सिंचाई जल की अत्यंत कमी वाले स्थानो पर प्रयोग की जाती है। मुख्यतः यह नारियल, [(अंगूर)], केला, बेर, नीबू प्रजाति, गन्ना, कपास, मक्का, टमाटर, बैंगन और प्लान्टेशन फसलों में इसका प्रयोग किया जाता है।
बौछारी सिंचाई
इस विधि में सोत्र में पानी दबाव के साथ खेत तक ले जाया जाता है और स्वचालित छिड़काव यंत्र द्वारा पूरे खेत में बौछार द्वारा वर्षा की बूदों की तरह छिड़का जाता है। इसे ओवर हेड सिंचाई भी कहते हैं। कई प्रकार छिड़काव के यंत्र उपलब्ध हैं। सेन्टर पाइवोट सिस्टम सबसे बड़ा छिड़काव सिस्टम है जो एक मशीन द्वारा 100 हेक्टेअर क्षेत्र की सिंचाई कर सकता है।