सांची के सतूप संख्या 1 की भौतिक एवं सौंदर्य विशिष्टताओं को वर्णन करें।
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सांची के सतूप संख्या 1 की भौतिक एवं सौंदर्य
सांची के सतूप संख्या 1 मथुरा और आंध्र प्रदेश के गुटुर जिले के वेन्गीस्थान पर स्थित है| यह शैलीगत प्रगति की दृष्टि के उल्लेखनीय है| साँची का स्तूप-1में ऊपर और नीचे प्रदशिण पथ है| इसके चार तोरण है जो की सुन्दरता से सजे हुए है| इस तोरणों पर बुद्ध के जीवन की घटनाओं और जातक कथाओं के अनेक प्रसंगों को प्रस्तुत किया गया है|
प्रतिमाओं का संयोजन अधिक उभारदार है और सम्पूर्ण अंतराल में भरा हुआ है| हाव-भाव और शारीरिक मुद्राओं का प्रस्तुतिकरण स्वाभाविक है और शरीर के अंग प्रत्यंग में कोई कठोरता नहीं दिखाई देती |
सिर भी काफी उठे हुए है| बाहरी रेखाओं की कठोरता अगम्यता कम हो गई है| आकृतियों की गति दी गई है| आख्यान में विस्तार आ गया है| उकेरने की तकनीके भरहुत की तुलना में अधिक उन्नत प्रतीत होती है| बुध को प्रतीकों के रूप में प्रस्तुत किया गया है|
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भारतीय कला का परिचय
पाठ-4 भारतीय कला और स्थापत्य में मौर्योत्तर कालीन प्रवृत्तियां
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