सिंगल यूज पॉलिथीन की उपयोगिता की रोकथाम के उपाय का अध्यन करना
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 तक एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के आह्वान के अनुरूप, भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्थलीय एवं जलीय इकोसिस्टम पर बिखरे हुए प्लास्टिक के कचरे के प्रतिकूल प्रभावों को ध्यान में रखते हुए प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 को अधिसूचित कर दिया है। यह नियम वर्ष 2022 तक कम उपयोगिता और कचरे के रूप में बिखरने की अधिक क्षमता रखने वाली एकल उपयोग की प्लास्टिक वस्तुओं को प्रतिबंधित करता है।
एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं की वजह से होने वाला प्रदूषण सभी देशों के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौती बन गया है। भारत एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के कचरे से होने वाले प्रदूषण को कम करने की दिशा में कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 2019 में आयोजित चौथे संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा में, वैश्विक समुदाय के सामने एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों के प्रदूषण से जुड़े बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान केन्द्रित करने की तत्काल जरूरत को स्वीकार करते हुए भारत ने इस प्रदूषण से निपटने से संबंधित एक प्रस्ताव पेश किया था। यूएनईए-4 में इस प्रस्ताव को स्वीकार किया जाना एक महत्वपूर्ण कदम था।
1 जुलाई, 2022 से पॉलीस्टीरीन और विस्तारित पॉलीस्टीरीन समेत निम्नलिखित एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग को प्रतिबंधित किया जाएगा: -
प्लास्टिक की छड़ियों से लैस ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ियां, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की छड़ियां, आइसक्रीम की छड़ियां, सजावट के लिए पॉलीस्टीरीन [थर्मोकोल];
प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे जैसी कटलरी, मिठाई के डिब्बों के चारों ओर लपेटी जाने या पैकिंग करने वाली फिल्म, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या पीवीसी बैनर, स्टिरर।
हल्के वजन वाले प्लास्टिक कैरी बैग की वजह से फैलने वाले कचरे को रोकने के लिए 30 सितंबर, 2021 से प्लास्टिक कैरी बैग की मोटाई 50 माइक्रोन से बढ़ाकर 75 माइक्रोन और 31 दिसंबर, 2022 से 120 माइक्रोन कर दी गई है। मोटाई में इस वृद्धि के कारण प्लास्टिक कैरी का दोबारा उपयोग भी संभव होगा।
प्लास्टिक पैकेजिंग अपशिष्ट, जिसे चिन्हित की गई एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के चरण के तहत कवर नहीं किया गया है, को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अनुरूप निर्माता, आयातक और ब्रांड मालिक (पीआईबीओ) की विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व के जरिए पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ तरीके से एकत्र और प्रबंधित किया जाएगा। विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व के कारगर कार्यान्वयन के लिए विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व से संबंधित दिशानिर्देशों को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 के जरिए कानूनी शक्ति प्रदान की गई है।
स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से राज्यों/केन्द्र - शासित प्रदेशों में अपशिष्ट प्रबंधन के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के कार्यान्वयन को मजबूत करने और चिन्हित की गई एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को कम करने के लिए भी निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं: (i) राज्यों / केन्द्र – शासित प्रदेशों से एकल उपयोग वाले प्लास्टिक का उन्मूलन करने और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के कारगर कार्यान्वयन के लिए एक विशेष कार्यबल गठित करने का आग्रह किया गया है। मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर भी एक कार्यबल गठित किया गया है, जोकि चिन्हित की गई एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं का उन्मूलन करने और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के कारगर कार्यान्वयन के लिए समन्वित प्रयास करता है।
राज्यों/ केन्द्र – शासित प्रदेशों की सरकारों और संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों से एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के उन्मूलन और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के कारगर कार्यान्वयन और इस कार्यान्वयन को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए एक व्यापक कार्य योजना बनाने का अनुरोध किया गया है। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत सभी राज्यों/केन्द्र - शासित प्रदेशों को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (पीडब्लूएम) नियम, 2016 के प्रवर्तन को मजबूत करने के लिए संस्थागत तंत्र स्थापित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
सरकार एकल उपयोग वाले