‘संगति का प्रभाव’ विषय पर लगभग 100 - 120 शब्दों में एक लघु कथा लिखिए I
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Answer:
एक बार एक राजा अपने रथ में घूमता हुआ वन में जा निकला।राजा को एक घर के द्वार पर टंगा तोते का पिंजरा दिखाई दिया। तोता अनजान व्यक्ति को देख बोल उठा-” लूटो, जाने मत दो, मार डालो।” राजा को लगा जैसे वह डाकुओं की बस्ती में आ गया है। उसने अपने रथ का वेग तेज कर दिया।कुछ देर बाद राजा को एक आश्रम दिखाई दिया। शांत वातावरण में फूलों-फलों के बाग के बीच एक कुटिया थी। यहां भी द्वार पर एक तोते का पिंजरा टंगा था।तोते ने राजा को देखते ही कहा –” आइये पधारिये। आपका स्वागत है! “तभी एक तपस्वी कुटिया से बाहर आए। परस्पर अभिवादन के बाद राजा ने दोनों तोतों के विपरीत व्यवहार के विषय में पूछा -” ऋषिवर ! एक ही जाति के प्राणी होते हुए स्वभाव में इतना अंतर कैसे?”“राजन, यह सब संगति का प्रभाव है। वह तोता डाकुओं के साथ पला है और यह महात्माओं की संगत में।”
Explanation:
जिंदगी की सीख :
सदा अच्छी संगति में रहो। जैसी संगति में रहोगे वैसे ही गुण-दोष आ जाते हैं।