Hindi, asked by awesomeamritaa497, 8 months ago

संघर्ष ही जीवन है paragraph in hindi 80-100 words please

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Answered by mamthakatariya
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संघर्ष का अर्थ है खुशी और खुशी हर किसी को खुश रखना चाहती है खुशी हमेशा बरकरार रहे इसलिए हमें अपने चेहरे पर मुस्कुराहट हर समय मौजूद रखनी चाहिए. कभी घम और कभी खुशी के अनुसार हर समय आपके जीवन में घटनाएं घटेगी. पर याद रखना कि भगवान उसी समय परीक्षा लेते हैं जब समय कठिन हो इसलिए समय कैसा भी हो बुरा अच्छा हल्का गीला जो भी हो बस मुस्कुराते रहना इसी के साथ आज रखो की"संघर्ष ही जीवन है"

Answered by priya87bharti
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Answer:

जीवन में संघर्ष है प्रकृति के साथ, स्वयं के साथ, परिस्थितियों के साथ । तरह-तरह के संघर्षों का सामना आए दिन हम सबको करना पड़ता है और इनसे जूझना होता है । जो इन संघर्षों का सामना करने से कतराते हैं, वे जीवन से भी हार जाते हैं, जीवन भी उनका साथ नहीं देता

Explanation:

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संघर्ष ही जीवन है । जीवन संघर्ष का ही दूसरा नाम है । इस सृष्टि में छोटे-से-छोटे प्राणी से लेकर बड़े-से-बड़े प्राणी तक, सभी किसी-न-किसी रूप में संघर्षरत हैं । जिसने संघर्ष (Struggle) करना छोड़ दिया, वह मृतप्राय हो गया । जीवन में संघर्ष है प्रकृति के साथ, स्वयं के साथ, परिस्थितियों के साथ । तरह-तरह के संघर्षों का सामना आएदिन हम सबको करना पड़ता है और इनसे जूझना होता है । जो इन संघर्षों का सामना करने से कतराते हैं, वे जीवन से भी हार जाते हैं, जीवन भी उनका साथ नहीं देता ।

सफलता व कामयाबी (Success) की चाहत तो सभी करते हैं, लेकिन उस सफलता को पाने के लिए किए जाने वाले संघर्षों से कतराते हैं । मिलने वाली सफलता सबको आकर्षित भी करती है, लेकिन उस सफलता की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले संघर्ष (Struggle) को कोई नहीं देखता, न ही उसकी और आकर्षित होता है, जबकि सफलता तक पहुँचने की वास्तविक कड़ी वह संघर्ष ही है । हम जिन व्यक्तियों को सफलता की ऊँचाइयों पर देखते हैं, उनका भूतकाल अगर हम देखेंगे तो हमें जानने को मिलेगा की यह सफलता जीवन के साथ बहुत संघर्ष से प्राप्त हुई है ।

जब संघर्षों की बात की जा रही है तो फिर एवरेस्ट पर चढ़ते समय आने वाले संघर्षों की बात क्यों न की जाए? एवरेस्ट की चढ़ाई अत्यंत कठिन चढ़ाई पर सफलता (Success) पाने का गौरव हासिल करने वाली पहली महिला जुंको ताबेई (Junko Tabei) का कहना है – “दुनिया के विभिन्न मंचों पर सम्मानित होना अच्छा लगता है, लेकिन यह अच्छा लगना उस अच्छा लगने की तुलना में बहुत कम है, जिसकी अनुभूति मुझे एवरेस्ट पर कदम रखने के समय हुई थी, जबकि वहां तालियाँ बजाने वाला कोई नहीं था । उस समय हाड़ कंपकंपाती बरफीली हवा, कदम-कदम पर मौत की आहट, लड़खड़ाते कदम और फूलती साँसों से संघर्ष के बाद जब मैं एवरेस्ट पहुँची तो यही लगा कि मैं दुनिया की सबसे खुश इंसान हूँ ।”

वास्तव में जब व्यक्ति अपने संघर्षों से दोस्ती कर लेता है, प्रसन्नता के साथ उन्हें अपनाता है, उत्साह के साथ चलता है तो संघर्ष का सफर उसका साथ देता है और उसे कठिन-से-कठिन डगर को पार करने में मदद करता है । लेकिन यदि व्यक्ति जबरन इसे अपनाता है, बेरुखी के साथ इस मार्ग पर आगे बढ़ता है, तो वह भी ज्यादा दूर तक नहीं चल पाता, बड़ी कठिनाई के साथ ही वह थोड़ा-बहुत आगे बढ़ पाता है । जब जीवन में एवरेस्ट जैसी मंजिल हो और उस तक पहुँचने के लिए कठिन संघर्षों का रास्ता हो, तो घबराने से बात नहीं बनती, संघर्षों को अपनाने से ही मंजिल मिल पाती है ।

जब हम संघर्ष करते हैं, तभी हमें अपने बल व सामर्थ्य का पता चलता है । संघर्ष करने से ही आगे बढ़ने का हौसला, आत्मविश्वास (Confidence) मिलता है और अंततः हम अपनी मंजिल को हासिल कर लेते हैं ।

Butterfly Struggle Story

एक बार एक बच्चे को अपने बगीचे में किसी टहनी से लटकता हुआ एक तितली का कोकून (Butterfly Cocoon) दिखाई पड़ा । वह प्रतिदिन उस कोकून को देखने लगा, एक दिन उसने ध्यान दिया तो पता चला कि उस कोकून में एक छोटा-सा-छेद बन गया है । उस दिन वह वहीं बैठ गया और घंटों उसे देखता रहा । उसने देखा कि एक तितली (Butterfly) उस खोल से बाहर निकलने की बहुत कोशिश कर रही है, परंतु बहुत प्रयास करने के बाद भी वह उस छेद से नहीं निकल पा रही और फिर वह बिल्कुल शांत हो गई, मानो उसने अपने प्रयासों से हार मान ली हो ।

उस बच्चे ने निश्चय किया कि वह उस तितली की मदद करेगा । उसने एक कैंची उठाई और तितली के बाहर निकलने के रास्ते को, कोकून के मुख को काटकर इतना बड़ा कर दिया कि वह तितली आसानी से बाहर निकल सके और यही हुआ, वह तितली बिना किसी संघर्ष (Struggle) के आसानी से बाहर निकल आई, पर अब उसका शरीर सूज़ा हुआ था और पंख सूखे हुए थे । वह बच्चा अब तितली (Butterfly) को यह सोचकर लगातार देखता रहा कि वह किसी भी वक्त अपने पंख फैलाकर उड़ने लगेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, बल्कि इसके विपरीत हुआ । वह तितली कभी उड़ नहीं पाई और उसने अपनी बाकी जिंदगी इधर-उधर घिसटते हुए बिताई ।

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