साहित्यिक पुरखे किसे कहा गया हैं? आप आपने पुरखों के बारे में क्या जानते हैं?
Ans:
लेखक ने साहित्यिक पुरखे प्रेमचंद को कहा हैं कयोंकि उन्हें जैसे साहित्यिक आज तक नहीं हैं!
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Yeah!! You're right. Well done.
साहित्यिक पुरखे किसे कहा गया हैं? आप आपने पुरखों के बारे में क्या जानते हैं?
साहित्यिक पुरखे से तात्पर्य मुंशी प्रेमचंद से है, क्योंकि लेखक ने मुंशी प्रेमचंद को अपना साहित्यिक पुरखा माना है। यहाँ पर साहित्यिक पुरखे से अभिप्राय किसी बड़े साहित्यकार का अनुसरण करना और उसे अपनी आदर्श बना लेने से है। लेखक के अनुसार प्रेमचंद जैसे साहित्यकार पहले कभी नहीं हुए और ना ही अब आगे होंगे। वह एक उपन्यासकार और कहानीकार थे। वह हिंदी साहित्य में अपना सर्वोच्च स्थान रखते थे और हिंदी साहित्य के लेखक उनसे प्रेरणा लेकर ही आगे बढ़े हैं। इस तरह प्रेमचंद सभी के लिए साहित्यिक पुरखे के समान है।
लेखक (हरिशंकर परसाई) ने भी उन्हें अपना साहित्यिक पुरखा माना है। क्योंकि लेखक ने भी उनसे ही आदर्श और प्रेरणा ली है।
हम अपने पुरखों के बारे में जो जानते हैं वह अपने माता-पिता आदि से सुनते हैं। मेरे पुरखों के बारे में मेरे पिता बताते हैं कि वह अपने गांव के जमींदार थे और उनके पास खेती-बाड़ी थी। धीरे-धीरे उनके आगे की पीढ़ी की खेती में कम रुचि लेती गई और खेती से दूर होती गई और दूसरे व्यवसाय अपना लिए। आज हमारे पास नाममात्र की खेती है।
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