साहस की जिंदगी सबसे बड़ी जिंदगी होती है । ऐसी जिंदगी की सबसे बड़ी पहचान यह है कि यह बिल्कुल निडर
बिल्कुल बेखौफ होती है । साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि वह इस बात की चिंता नहीं करता कि तमाशा
देखने वाले लोग उसके बारे में क्या सोच रहे है। जनमत की उपेक्षा करके जीने वाला आदमी दुनिया की असली ताकत
होता है और मनुष्यता को प्रकाश भी उसी आदमी से मिलता है । अड़ोस पड़ोस को देख कर चलना यह साधारण जी का
काम है । क्रांति करने वाले लोग अपने उद्देश्य की तुलना ना तो पड़ोसी के उद्देश्य से करते हैं और ना अपनी चाल को ही
पड़ोसी की चाल देखकर धीमी बनाते हैं । साहसी मनुष्य उस सपनों में भी रह लेता है ,जिन सपनों का कोई व्यवहारिक
अर्थ नही है।
प्र 1. लेखक के अनुसार किस प्रकार की जिंदगी सबसे बड़ी जिंदगी कहीं जाती है ?
प्र 2.दुनिया की असली ताकत किस प्रकार के लोग होते हैं?
प3.साधारण जीव का क्या काम है।
प्र4.प्रस्तुत गद्याश का उचित शीर्षक लिखें।
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साहस की जिंदगी सबसे बड़ी जिंदगी होती है
साहसी मनुष्य
अड़ोस पड़ोस को देख कर चलना यह साधारण जीव का
काम है ।
साहसी मनुष्य
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उत्तर:(क) साहस की जिन्दगी को सबसे बड़ी जिन्दगी बताया गया है। इसकी पहचान है कि यह बिल्कुल निडर होती है
उत्तर;(ख) जनमत की उपेक्षा करके जीने वाला साहसी आदमी दुनिया की असली ताकत होता है और मनुष्यता को प्रकाश भी उसी आदमी से मिलता है।
उत्तर:ग
साधरण जीव का काम
अड़ोस-पड़ोस को देखक भेड़-चाल चलना
उत्तर:(घ) गद्यांश का उचित शीर्षक-धर्म और कानून'।
व्याख्या:इसके अंतर्गत गद्यांश में कही गई मुख्य बातों को अपने शब्दों में विस्तार के साथ व्यक्त किया जाता है। गद्यांश के मूल भाव को स्पष्ट किया जाता है। गद्यांश में प्रयुक्त कठिन शब्दों का सरलार्थ भी किया जा सकता है।
उत्तर;(ख) जनमत की उपेक्षा करके जीने वाला साहसी आदमी दुनिया की असली ताकत होता है और मनुष्यता को प्रकाश भी उसी आदमी से मिलता है।
उत्तर:ग
साधरण जीव का काम
अड़ोस-पड़ोस को देखक भेड़-चाल चलना
उत्तर:(घ) गद्यांश का उचित शीर्षक-धर्म और कानून'।
व्याख्या:इसके अंतर्गत गद्यांश में कही गई मुख्य बातों को अपने शब्दों में विस्तार के साथ व्यक्त किया जाता है। गद्यांश के मूल भाव को स्पष्ट किया जाता है। गद्यांश में प्रयुक्त कठिन शब्दों का सरलार्थ भी किया जा सकता है।
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