• संजाल पूर्ण कीजिए
गद्यांश में प्रयुक्त श्रमजीवी-
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Explanation:
मनुष्य अपने स्वार्थ सिद्धि और तरक्की के कारण पर्यावरण को बेहद नुकसान पहुंचा रहा है। पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। इसके कारण कई प्राकृतिक आपदाओं को इसने जन्म दिया है। भूकंप एक भयंकर प्राकृतिक आपदा है। यह एक भीषण संकट है। भूकंप जैसे ही आता है , यह जीव जंतु , मनुष्य सभी की जान ले लेता है। पेड़ पौधे नष्ट हो जाते है। बड़ी बड़ी इमारतें कुछ ही मिनटों में ताश के पत्तों की तरह ढह जाती है। भूमि पर दरार पड़ जाती है। अचानक धरती पर तीव्र गति से कम्पन होती है कि एक ही झटके में सब कुछ नष्ट हो जाता है। कई परिवार भूकंप की इस भयावह आपदा के शिकार हो जाते है। हर तरफ त्र्याही त्र्याही मच जाती है। भूकंप दो अक्षरों -भू + कम्प से बना है। भू मतलब धरती और कम्प का अर्थ है कम्पन। इस प्रकार भूमि यानी धरती पर अचानक आये कम्पन को भूकंप कहते है।
लोग बेघर हो जाते है और इस विनाशकारी आपदा की वजह से घायल हो जाते है। भूकंप के समक्ष मनुष्य की हालत दयनीय और असहाय हो जाती है। अपने चारो तरफ वह विनाश देखने को बेबस हो जाता है। भूकंप , बड़े उन्नत शहरों को खंडहरों में बदल कर रख देता है। मनुष्य ने हर क्षेत्र में प्रगति कर ली मगर भूकंप पर विजय पाने में असफल रहा है। ज़्यादातर भूंकम्प ज्वालामुखी विस्फोटो से आते है। जब ज्वालामुखी विस्फोट होता है , धरती में कम्पन पैदा हो जाता है। भूंकम्प आने पर चट्टानें टूट जाती है। जहाँ पर यह भूकंप आता है , वहां पर बसे गाँव और शहर नष्ट हो जाते है। जान माल की प्रचुर हानि होती है। कई बार दरारे इतनी गहरी पड़ती है कि लोग जिन्दा दफ़न हो जाते है। संचार और यातायात के सभी साधन भूकंप की वजह से नष्ट हो जाते है।
भूकंप पीड़ित जगहों पर कई वर्षो तक खुशहाली लौटती नहीं है। जीवन सामान्य होने में वक़्त लगता है। धरती को कृषि योग्य बनाने के लिए सैंकड़ो सालों से की गयी परिश्रम एक पल में नष्ट हो जाती है। भूकंप की वजह से सागर में भयानक लहरें उठती है जो वहां के क्षेत्रों में बसे लोगो पर कहर बरसाती है। भूकंप के समय समुद्र में तैर रही जहाजों का बचना नामुमकिन हो जाता है।
भारत में गुजरात के भुज में 7.7 तीव्रता से विनाशकारी भूकंप आया था। इस भूकंप में तीस हज़ार से ज़्यादा लोगो की जान चली गयी थी।
चार परतो से मिलकर धरती का निर्माण होता है। क्रस्टल , मेन्टल , इनर कोर , आउटर कोर इन चार परतो के नाम है। जब घरती के अंदर यह टेकटोनिक प्लेट हिलती है भूंकम्प आता है। धरती पर कभी कभार इतना अधिक दबाव पड़ता है कि पहाड़ खिसकने लगते है। टेकटोनिक प्लेट की तरह पहाड़ो , महासागरों की भी विभिन्न प्लेट होती है। भूकंप तब भी आ सकता , जब ऐसी प्लेट्स एक दूसरे के संग टकराती है।
भूकंप आने के कुछ कारण , मनुष्य का परमाणु परीक्षण , अनियमित प्रदूषण खदानों में विस्फोट , गहरे कुएं से तेल प्राप्त करना , जगह -जगह पर बाँध का निर्माण करवाना है । भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल में मापी जाती है। भूकंप को जिस उपकरण से मापा जाता है , उसे सिस्मोमीटर कहा जाता है। अगर दो से तीन तक की रिक्टर स्केल की भूकंप आती है ,तो यह भूकंप इतनी तीव्र नहीं होती है। अगर भूकंप की तीव्रता सात रिक्टर या उससे ज़्यादा होती है , तो भीषण विनाश ले आती है। ऐसे भूकंप में जान माल का बहुत नुकसान होता है।
जिस जगह में जनसंख्या का घनत्व अधिक होती है , वहां भूकंप से भयानक हानि होती है। शहरों में बड़ी इमारते होती है ,वो ढह जाती है जिसमे कई लोग दब कर मर जाते है। जब भूकंप आता है , तो नदियों और समुन्दरो में लहरें बढ़ जाती है। इससे बाढ़ का भय बढ़ जाता है।
अगर अतिरिक्त कम्पन होता है , धरती का बुरी तरीके से फटना शुरू हो जाता है। भूकंप आने पर चारो तरफ तनाव और भय का माहोल उतपन्न हो जाता है। मनुष्य को ऐसे घरो का निर्माण करना चाहिए ,जो भूकंप की चपेट को झेल सके। भूकंप रोधी घर होने चाहिए। जैसी ही लोगो को भूकंप के झटके महसूस होते है , उन्हें अपने मकान से निकलकर , खुले स्थान पर जाना चाहिए। अगर देर हो रही है , तो किसी सख्त फर्नीचर के नीचे छिप जाए । एक बात का ध्यान रखे , भूकंप के समय लिफ्ट का उपयोग बिलकुल ना करे। बिजली की मैन स्विच बंद कर दे। भूकंप की वजह से बड़े बड़े घरो और पाइपलाइनो में भयंकर आग लग सकती है। इससे और अधिक लोगो की जान जा सकती है। कई तरह के बिजली उपकरणों के कारण और अधिक भयंकर हादसा हो सकता है। इसलिए सावधानी बरतनी ज़रूरी है। समुद्र में जब भूकंप आता है ,तो वहां ऊँची लहरों का निर्माण होता है। यह सब विनाश भूकंप की ही देन है।
भूकंप आने से पूर्व मनुष्य को कोई चेतावनी नहीं मिलती है। लोगो को भूकंप के बारे में पहले से कुछ जानकारी नहीं मिलती है। कभी भूकंप की गति कम होती है , लोग इसे भूल जाते है। जब भूकंप अपने चरम सीमा पर होता है , तो गंभीर घाव दे जाता है। भूकंप अचानक दस्तक देती है और सब कुछ तहस नहस कर देती है।
निष्कर्ष
यह सबसे घातक प्राकृतिक आपदा है। इससे लोगो की जिंदगी और संपत्ति सब लूट जाती है। भूकंप की उत्पत्ति जहां होती है , उसे भूकंप केंद्र कहा जाता है। भूकंप जैसे महाविनाश को रोकना असंभव है। मनुष्य को इसके प्रभाव को कैसे कम किया जाए , इस पर विचार करना चाहिए। मनुष्य भूकंप के कष्टों को कम ज़रूर कर सकता है। सामाजिक संस्थाएं ग्रसित जगहों में जाकर पीड़ित लोगो की मदद करती है। सरकार पीड़ित लोगो के पुनः स्थापना के लिए सरकारी अनुदान देती है। राहत कोष जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है। मनुष्यो के औद्योगीकरण और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में तीव्र गति की उन्नति ने इन भयानक प्राकृतिक आपदाओं को जन्म दिया है। मनुष्य को इस पर नियंत्रण करना बहुत ज़रूरी है।
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बाढ़ पर निबंध (प्राकृतिक आपदा)
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