Hindi, asked by vib7hush4rije, 1 year ago

स्कूलों में नकल की रोकथाम के लिए 250 शबदो मे दैनिक समाचार पत्र मे संपादकीय

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Answered by monu7bishnoi
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Schhol jeevan mai nakal ek aisi deemak hai jo dheere dheere vidharthi ki kushala aur nipunta  ko kha jaati hai . isliye ye ati aavshyak hai ki hum vidhaarthiyo ko iss had tak jaane hi naa de. Hum vidharhiyo ko hi itna kaabil banaye ki wo nakal ke baare mai soche hi nhi .Hum nakal mai pakade jaane par sakhat paabandi laagaye aur dand ghosit kre ki vidhyaarthi soche hi nahi . hum vidharthyo par atirikat bavaab naa daale . sabko apni maansik isthiti k anusaar utar dene de aur sabko varth ke pratidhavad mai naa dhakele . 
Pariksha hall mai jaane  se purav sabki achhi se talashi li jaaye . sare electronic equipment ko le jaane ki manayi hi . jaise ki electronic watch , mobile , Pazar ityadi .kisi ko bhi pariksha ithaan par aane ki manahi hi jaise ki rishtedaar aur dost .Jaha tak ho exam ki tareekh mai koi pher badal naa ho .EXam -sheet bhi alag alag code ki ho . Classroom mai camare lage ho . aur Parikshak ki bhi vaidhta ki jaanch ho .
Sabko ek saath praveh aur bahar jaane ka samay tay ho . 
is prakaar hum nakal par rok laga sakte  hai  . 
Answered by kvnmurty
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                     वार्ता समाज  
                दैनिक समाचार पत्र
                    (सम्पादकीय)
                    स्कूल में नक़ल                       ०३-१०-२०१६  (03-10-2016)



    विद्या पाने के बहुत तरीके हैं |  उन में से सब से अच्छे हैं ठीक तरह पढ़ाई, बड़ों का इज्जत करना, समाज पर गौरव, अनुशासन से शिक्षा सीखना|  और बुरे तरीकों में एक है नक़ल करना| वो तो नकानूनन भी है | 
 
    कुछ विद्यार्थी विद्यालयों में शायद ठीक नहीं सुनते या पढ़ते| लेकिन जब  परीक्षाएं नजदीक आती हैं, तब वे बहुत घबरा जाते हैं |  कुछ विद्यार्थी होमवर्क या असैनमेंट या छोटीसी परियोजना नहीं करते या कर पाते  | शायद परवाह नहीं करते | लेकिन अधिक से अधिक  अंक पाना चाहते हैं क्योंकि अंकों के आधार पर उत्तीर्ण होते हैं और नौकरी भी  पाने के लिए अच्छे अंक चाहिए होते हैं  |   

   परीखाओं में नक़ल करना बहुत खराब बात है | आज कल तो इन्टरनेट और कम्पुटर इस्तेमाल करके नक़ल करने वालों को पकद्सकते हैं |  हर विद्यालय के परीक्षा हाल (कमरा) में जहाँ पर परीक्षा हो रही हैं, केमेरे लगा सकते हैं|  वे इतने महंगे नहीं हैं|  और कुछ जिम्मेदार अफसर वे चित्र देख सकते , ताकि नक़ल हो तो तुरंत पकड़ लें| 

    ये भी हो सकता है कि हर जिले के विद्या विभाग केंद्र में से ही, अफसर अपने कमरे में बैठे ही , उस जिले के विद्यालयों के परीक्षा हाल देख सकते हैं |  इस से नक़ल करना बहुत कम हो जायेगा |  और  निरीक्षण करनेवाले स्क्वाड (समूह) पर बोझ हल्का होगा | 

   और विद्यालयों में साल भर जो परीक्षा होती हैं, और होमवर्क, परियोजना होते हैं, in सब में भी नक़ल रोकना चाहिए|  तब सब विद्यार्थी श्रम से ज्ञान सीखेगा (सीखेगी) और आदर्श विद्यार्थी बनेंगे|  वे तभी पढ़ाई पर ध्यान देंगे और बेकार के क्काम नहीं करेंगे |  समाज के लिए अच्छे काम कर सकेंगे और अच्छे नागरिक बनकर अपने नौकरी निभाने की काबियात पाएंगे  | 


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