(स) कारगिल का युद्ध (द) इनमें से कोई नहीं
2. " बछिया के ताऊ “ मुहावरे का अर्थ है-
(अ) कोल्हू का बैल (ब) अधिक परिश्रमी।
(स) मूर्ख व्यक्ति। (द) विद्वान व्यक्ति।
3. मंदिर में कितनी पोथी रखी गई थी।
(अ) 101 (ब) 102 (स) 103 (द) 104
4. वाक्य के मुख्य अंग होते है -
(अ) दो (ब) तीन (स) चार
(द) पाँच
5. “कालिंदी कूल कदंब की डारन " में अलंकार है
(अ) यमक (ब) श्लेष (स) उत्प्रेक्षा (द) अनुप्रास ।
02 चुनकर रिक्त स्थानों की आर्ति की
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स) कारगिल का युद्ध (द) इनमें से कोई नहीं
2. " बछिया के ताऊ “ मुहावरे का अर्थ है-
(अ) कोल्हू का बैल (ब) अधिक परिश्रमी।
(स) मूर्ख व्यक्ति। (द) विद्वान व्यक्ति।
3. मंदिर में कितनी पोथी रखी गई थी।
(अ) 101 (ब) 102 (स) 103 (द) 104
4. वाक्य के मुख्य अंग होते है -
(अ) दो (ब) तीन (स) चार
(द) पाँच
5. “कालिंदी कूल कदंब की डारन " में अलंकार है
(अ) यमक (ब) श्लेष (स) उत्प्रेक्षा (द) अनुप्रास ।
02 चुनकर रिक्त स्थानों की आर्तिस) कारगिल का युद्ध (द) इनमें से कोई नहीं
2. " बछिया के ताऊ “ मुहावरे का अर्थ है-
(अ) कोल्हू का बैल (ब) अधिक परिश्रमी।
(स) मूर्ख व्यक्ति। (द) विद्वान व्यक्ति।
3. मंदिर में कितनी पोथी रखी गई थी।
(अ) 101 (ब) 102 (स) 103 (द) 104
4. वाक्य के मुख्य अंग होते है -
(अ) दो (ब) तीन (स) चार
(द) पाँच
5. “कालिंदी कूल कदंब की डारन " में अलंकार है
(अ) यमक (ब) श्लेष (स) उत्प्रेक्षा (द) अनुप्रास ।
02 चुनकर रिक्त स्थानों की आर्तिस) कारगिल का युद्ध (द) इनमें से कोई नहीं
2. " बछिया के ताऊ “ मुहावरे का अर्थ है-
(अ) कोल्हू का बैल (ब) अधिक परिश्रमी।
(स) मूर्ख व्यक्ति। (द) विद्वान व्यक्ति।
3. मंदिर में कितनी पोथी रखी गई थी।
(अ) 101 (ब) 102 (स) 103 (द) 104
4. वाक्य के मुख्य अंग होते है -
(अ) दो (ब) तीन (स) चार
(द) पाँच
5. “कालिंदी कूल कदंब की डारन " में अलंकार है
(अ) यमक (ब) श्लेष (स) उत्प्रेक्षा (द) अनुप्रास ।
02 चुनकर रिक्त स्थानों की आर्तिस) कारगिल का युद्ध (द) इनमें से कोई नहीं
2. " बछिया के ताऊ “ मुहावरे का अर्थ है-
(अ) कोल्हू का बैल (ब) अधिक परिश्रमी।
(स) मूर्ख व्यक्ति। (द) विद्वान व्यक्ति।
3. मंदिर में कितनी पोथी रखी गई थी।
(अ) 101 (ब) 102 (स) 103 (द) 104
4. वाक्य के मुख्य अंग होते है -
(अ) दो (ब) तीन (स) चार
(द) पाँच
5. “कालिंदी कूल कदंब की डारन " में अलंकार है
(अ) यमक (ब) श्लेष (स) उत्प्रेक्षा (द) अनुप्रास ।
02 चुनकर रिक्त स्थानों की आर्ति