Hindi, asked by vsrishti76, 3 months ago


साक्षी है इतिहास, हमी पहले जागे हैं
जागृत सब हो रहे हमारे ही आगे हैं
शत्रु हमारे कहाँ नहीं भय से भागे हैं?
कायरता से कहाँ प्राण हमने त्यागे हैं।
हैं हमीं प्रकंपित कर चुके, सुरपति तक का भी हृदय
फिर एक बार हे विश्व तुम गाओ भारत की विजय ।
कहाँ प्रकाशित नहीं रहा है तेज़ हमारा।
दलित कर चुके शत्रु सदा हम पैरों द्वारा।
बताओ तुम कौन नहीं जो हमसे हारा।
पर शरणागत हुआ कहाँ, कब हमें न प्यारा।
बस युद्ध मात्र को छोड़कर कहाँ नहीं है हम सदय
फिर एक बार है विश्व तुम गाओ भारत की विजय
(ख) युद्ध कौशल
घ) उपर्युक्त सभी
(i) 'पहले जागे है' का भाव है-
(क) हम सोकर उठे हैं
(ख) हमने कार्य पूर्ण किया है
ग) हमने विजय पाई है
(घ) हमने सर्वप्रथम ज्ञान पाया है
(ii) 'हैं हमीं प्रकंपित कर चुके, सुरपति तक का हृदय' से हमारी किस विशेषता का बोध होता है ?
(क) वीरता, साहस
(ग) हार कर जीतना
(i) हमारी दयालुता प्रकट होती है
( (क) शत्रु को दलित करके
(ख) शरणागत को आश्रय देकर
(ग) अपना तेज दिखाकर
(घ) विश्व में जय-जयकार करवाकर
(iv) 'हमारे आगे सबका जागृत होना' का भाव है-
क) हमारे पश्चात ज्ञानी होना
(ख) हमारे बाद सोकर उठना
(ग) हमारे पीछे चलना
(घ) हमारे सामने झुकना
५) कवि किसे भारत की जय-जयकार करने को कह रहा है ?
(क) भारतवासियों को (ख) शत्रुओं को (ग) विश्व को (घ) सेना को​

Answers

Answered by amansingh108065
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Answer:

Explanation:

उससे भी अधिक समाधिया हैं हम समाज में पाते जिसकी अमित कहानी में यह इतिहास लिखा जीवन में संघर्ष करो संघर्ष ही तो जीवन है हर त्याग और बलिदान में मानवता होती है यूं ही लोग नहीं बन जाते भी फिर बनने में भी कई याचिकाएं होती है

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