Social Sciences, asked by amansai707, 5 months ago

संक्षेप में उत्तर दें:
(क) भारत में अंग्रेजों का उपनिवेश संपूर्ण रूप में कब स्थापित हुआ था?
(ख) किस गर्वनर जनरल के शासन काल में भारतीयों को देशी राजाओं के द्वारा दी गई उपाधि, पेंशन आदि छीन
ली गई थी।
(ग) सन् 1857 के सिपाही विद्रोह का प्रथम शहीद कौन था?
घ) मणिराम देवान के साथ किस नेता को फांसी दी गई थी?
(ङ) असम के कृषक विद्रोह का नेतृत्व किसने किया था?​

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Answered by Anonymous
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  • निर्णायक क्षण तब आया जब 1662 ई.
  • भारत के महाराज्यपाल या गवर्नर-जनरल (१८५८-१९४७ तक वाइसरॉय एवं गवर्नर-जनरल अर्थात राजप्रतिनिधि एवं महाराज्यपाल) भारत में ब्रिटिश राज का अध्यक्ष और भारतीय स्वतंत्रता उपरांत भारत में, ब्रिटिश सम्प्रभु का प्रतिनिधि होता था। इनका कार्यालय सन 1773 में बनाया गया था, जिसे फोर्ट विलियम की प्रेसीडेंसी का गवर्नर-जनरल के अधीन रखा गया था। इस कार्यालय का फोर्ट विलियम पर सीधा नियंत्रण था, एवं अन्य ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों का पर्यवेक्षण करता था। सम्पूर्ण ब्रिटिश भारत पर पूर्ण अधिकार 1833 में दिये गये और तब से यह भारत के गवर्नर-जनरल बन गये।
  • मंगल पाण्डे 8 अप्रैल, 1857 को बैरकपुर, बंगाल में शहीद हो गए थे। मंगल पाण्डे ने चर्बी वाले कारतूसों के विरोध में अपने एक अफसर को 29 मार्च, 1857 को बैरकपुर छावनी, बंगाल में गोली से उड़ा दिया था।
  • मणिराम दीवान को मुख्य साज़िशकर्ता करार दिया गया, पियोली बरुआ को अंग्रेज़ सेना का हत्यारा और राजा कंदर्पेश्वर सिंघा को अंग्रेजी शासन का विद्रोही घोषित किया गया. 26 फरवरी 1858 को मणिराम दीवान और पियोली बरुआ को जोरहट जेल प्रांगण में जनता के बीच फांसी दी गयी.
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