स्काउट उत्पादन किस चीज के होता है
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स्काउटिंग क्या है ? स्काउट-नियम,प्रतिज्ञा,ध्येय । Bharat Scouts And Guides
October 30, 2019
BHARAT SCOUTS AND GUIDES
भारत स्काउट्स एंड गाइडस् । BHARAT-SCOUTS-AND-GUIDES
स्काउट-बैज
हैलो दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम भारत के स्काउट्स् एंड गाइड्स के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करेंगे । इस लेख में स्काउट्स एंड गाइड्स के महत्वपूर्ण पहलुओं पर व्याख्या सहित प्रकाश डाला गया है ,जिसमे एक श्रेष्ठ स्काउट्स एंड गाइड्स बनने के लिए पर्याप्त जानकारी उपलब्ध है और यदि आप स्काउटिंग ज्वाइन करने जा रहे हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगा ।
भूमिका :-
दोस्तों अपने देश के इतिहास में रामकाल को हम 'स्वर्ण युग' कहते हैं । क्यों ?
क्या उस समय धरती , वृक्ष , पक्षी सोने के थे ?
आप क्या कहोगे , 'नहीं ' ;
तो ऐसी क्या बात है, जिसके कारण हम उस समय को स्वर्णयुग कहते हैं ?
इसका उत्तर है - उस समय के लोगों का पवित्र और ऊँचा जीवन !
रामायण-काल में राजा दशरथ से प्रतिज्ञा-पालक पिता, राम से आज्ञाकारी पुत्र , लक्ष्मण और भरत से भाई और सीता जैसी सती स्त्रियाँ थी । तभी तो उस काल को स्वर्ण-युग कहते हैं ।
हमारा देश एक महान देश है । इसमें बड़े-बड़े संत , योद्धा और शासक उत्पन्न हुए । ऐसे बच्चे भी हुए जिन्होंने बड़ी वीरता के कार्य किये । लव, कुश, भरत, ध्रुव, अभिमन्यु इत्यादि ऐसे कुछ बालक थे, जिनके नाम इतिहास में जीवित हैं ।
वर्तमान युग में लोग हमारे देश का सत्कार क्यों करते हैं ? क्योंकि हमारे देश में वर्तमान युग के महान नेता और शिक्षक गांधीजी उत्पन्न हुए । उन्होंने संसार में सत्य और अहिंसा की लहर चलाई । भगतसिंह, राजगुरु, चन्द्रशेखर न जाने कितने ही अनगिनत सितारों के कारण भी हमारे देश का नाम जगमग है ।
इन्ही की तरह उत्तम बनने के लिए हमारे अन्दर कुछ और गुण भी होने चाहिए, वे हैं - आत्मविश्वास , आत्मनिर्भरता, अध्यवसाय, सहनशीलता, प्रेम, सेवा, नम्रता, दया, तपस्या तथा पवित्रता ।
अपने अन्दर इन गुणों का संचार करने के लिए हमें प्रयत्न करना होगा । संसार में जो लोग भी महान हुए हैं , वे प्रयत्न द्वारा ही हुए हैं । उनमें से अधिकतर लोगों की हमें डायरियां मिलती हैं, जिनमें वे अपने प्रतिदिन का रूप चित्रित करते थे । फिर उस रूप को सुधारने का प्रयत्न करते थे । वे अपने आपको तपस्या की भट्टी में ढालते थे ।
दोस्तों वैसा ही हमें भी हरेक को करना चाहिए। और इस सम्बन्ध में 'राज-पथ' दिखाने वाला 'स्काउट आन्दोलन' है । यह आपका ही आन्दोलन है । इसमें सम्मिलित होकर तुम एक महान भाई-चारे में सम्मिलित हो जाओगे ।
एक बड़े भाई , जिनको स्काउट-मास्टर कहते हैं , तुम्हारा पथ-प्रदर्शन करेंगे । और भाइयों के साथ , जो तुम्हारी टोली में होंगे , तुम आगे बढोगे और बढ़ते जाओगे ।
स्काउटिंग खुले मैदान की लहर है । इसमें आप स्कूल, घर, तथा शहर की चार-दिवारी से निकल कर बाहर जाओगे , मैदान में , जंगल में , पहाड़ पर, नदी किनारे तुम प्रकृति माता के समीप , उसकी गोद में जाओगे । वहां , सुन्दर और रमणीक दृश्य तुम्हें उनके रचयिता भगवान् के समीप ले जाएंगे । तुम्हारे अन्दर आनन्द एवं इंगति का संचय होगा ।
स्काउटिंग क्या है ?
यह एक अंग्रेजी का शब्द है । यदि इसको दो भागों में बाँट दें तो एक भाग होता है - 'SC' इसका तात्पर्य है 'Science' अर्थात विज्ञान । दूसरा भाग बनता है - 'Outing' अर्थात बाहर जाना । सो यह बाहर जाने का विज्ञान है ।
हमारे प्रचीन काल में बच्चों को गुरुकुलों में पढने जाना होता था । अपने घर से , माता-पिता से दूर उनको वहां कई वर्ष रहना होता था । गुरुकुल जंगलों में होते थे । इसलिए बच्चे प्रकृति की गोद में पलते तथ तपस्या की भट्टी में ढलते थे । वे उत्तम चरित्र तथा गुणों से विभूषित होकर संसार क्षेत्र में प्रवेश करते थे ।
अब बच्चे घरों में रहते हैं । प्राय शहरों में । प्रकृति से दूर । आराम का जीवन व्यतीत करते हैं । अपने हाथ से काम करने का अभ्यास नहीं ।
अधिकतर माता-पिता अथवा नौकरों पर निर्भर । यह एक बड़ी न्यूनता है । इसको स्काउटिंग के जन्म-दाता लार्ड बेडन-पाॅवेल ने गहराई से अनुभव किया ।
लार्ड बेडन पाॅवेल एक फौजी अफसर थे । केवल यही नहीं , वे विद्वान्, विचारक, तथा मनोवैज्ञानिक भी थे ।
शहरी जीवन के विष-मय प्रभाव को उन्होंने अनुभव किया । उन्होंने देखा की इस अप्राकृतिक वातावरण में पल पनप कर बच्चे ढीले-ढाले और अयोग्य बन रहे हैं ।
बलचर
स्काउटिंग या बलचरी एक आंदोलन है बच्चों से बड़ों तक उच्च कोटी नैतिकता व योग्यता का विकास किया जाता हैस्काउटिंग आंदोलन के जनक रॉबर्ट स्टीफेंसस्मिथ