सिकल सेल एनीमिया में हीमोग्लोबिन में किस प्रकार का उत्परिवर्तन होता है?
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सिकल-सेल रोग (SCD) या सिकल-सेल रक्ताल्पता या ड्रीपेनोसाइटोसिस एक आनुवंशिक रक्त विकार है जो ऐसी लाल रक्त कोशिकाओं के द्वारा चरितार्थ होता है जिनका आकार असामान्य, कठोर तथा हंसिया के समान होता है। यह क्रिया कोशिकाओं के लचीलेपन को घटाती है जिससे विभिन्न जटिलताओं का जोखिम उभरता है। यह हंसिया निर्माण, हीमोग्लोबिन जीन में उत्परिवर्तन की वजह से होता है। जीवन प्रत्याशा में कमी आ जाती है, एक सर्वेक्षण के अनुसार महिलाओं की औसत जीवन प्रत्याशा 48 और पुरुषों की 42 हो जाती है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में, 500 अश्वेत जन्म में से 1 को सिकल-सेल रक्ताल्पता होती है। सिकल-सेल रक्ताल्पता, सिकल सेल रोग का एक विशिष्ट प्रकार है जिसमें उत्परिवर्तन के लिए सम्युग्मजता होती है जिसके कारण HbS होता है। सिकल-सेल रक्ताल्पता को "HbSS", "SS रोग", "हीमोग्लोबिन S" या उसके उत्परिवर्तन के रूप में जाना जाता है।