संकटों से वीर घबराते नहीं
आपदाएँ देख छिप जाते नहीं।
लग गए जिस काम में पूरा किया
काम करके व्यर्थ पछताते नहीं।
हो सरल अथवा कठिन हो रास्ता
कर्मवीरों को ना इससे वास्ता
बढ़ चले तो अंत तक ही बढ़ चले
कठिनतर गिरि श्रंग ऊपर चढ़ गए
कठिन पथ को देखकर मुस्काते सदा
संकटों के बीच देगाते सदा
हे असंभव कुछ नहीं उनके लिए
सरल संभव कर दिखाते वे सदा।
यह असंभव कायरों का शब्द है।
कहा था नेपोलियन ने एक दिना
Attachments:
Answers
Answered by
0
Answer:
इस कविता में वीर रस है
मेरे अनुसार इसका उचित शीर्षक वीर होना चाहिए
hope it helps mark as brainliest please please
Similar questions