Hindi, asked by atifaslam23, 7 months ago

सुखों का आशय स्पष्ट कीजिए?

Answers

Answered by tiwari2008ak
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Answer:

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :

जब तक मनुज-मनुज का यह सुख भाग नहीं सम होगा,

शमित न होगा कोलाहल, संघर्ष नहीं कम होगा।

उसे भूल वह फँसा परस्पर ही शंका में भय में,

लगा हुआ केवल अपने में और भोग-संचय में।

प्रभु के दिए हुए सुख इतने हैं विकीर्ण धरती पर,

भोग सकें जो उन्हें जगत में कहाँ अभी इतने नर?

सब हो सकते तुष्ट, एक-सा सुख पर सकते हैं;

चाहें तो पल में धरती को स्वर्ग बना सकते हैं,

‘प्रभु के दिए हुए सुख इतने हैं विकीर्ण धरती पर’ – पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

Answered by ayyappanayyanan
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Answer:

खुशी वह भावना है जो आपको तब पता चलती है जब आप जानते हैं कि जीवन अच्छा है और आप मदद नहीं कर सकते लेकिन मुस्कुरा सकते हैं। यह दुख के विपरीत है। खुशी एक भलाई, खुशी या संतोष की भावना है। जब लोग सफल होते हैं, या सुरक्षित, या भाग्यशाली होते हैं, तो वे खुशी महसूस करते हैं।

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