Hindi, asked by kavalisurender1, 4 months ago

सोलेंद्र कुमार जी ने अपने कविता के मध्यम
के से क्या संदेश देना चाह रे ?​

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Answered by Anonymous
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अपनों से दो शब्द

“जब अनैतिक शक्ति संस्था-प्रधान के सिंहासन में पदास्थापित हो जाती है तो व्यवस्थाएँ तो चरमराती ही हैं, नैतिक शक्ति को अवसर भी नहीं मिलता और इसका नंगा-नृत्य संस्था को मर्यादा हीन कर देता है ।” इस चिरंतन सत्य को उद्घाटित करता है, यह लघु उपन्यास - ‘शिक्षा के ऑसू’। यह उपन्यास झारखंड राज्य के प्राथमिक शिक्षा-दान जैसे पवित्र संस्थानों से जुड़े कनिष्ठ से लेकर वरिष्ठ कर्मियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का जीता जागता दस्तावेज है। इसका केन्द्रीय पात्र भोला, एक ऐसा चरित्र है जो सिर्फ अपने विद्यालय-प्रधान बदलू की अनैतिकता से ही तिरस्कृत नहीं होता अपितु बैक डोर अर्थात् रिश्वत के कारण प्रखण्ड, अनुमण्डल, जिला एवं प्रमण्डल से लेकर राज्य स्तर के अधिकारियों की उदासीनता व अनदेखी का शिकार भी होता है। वह कहीं जबर्दश्त कोपभाजन बनता है तो कहीं उपहास का पात्र । पर उसे कोई मलाल नहीं है, क्योंकि उसे अपनी कर्तव्यपरायणता पर पूर्ण विश्वास है।

चूँकि साहित्य सदा से समाज का दर्पण होता आया है और समाज को उनका वास्तविक स्वरूप दिखाता आया है, एतदर्थ उसी कड़ी का एक लघु प्रयास है, यह उपन्यास । आशा करता हूँ कि यह आपको अवश्य पसंद होगा।

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