साम्प्रदायिक भावना’ का तात्पर्य है –
I. अपने सम्प्रदाय या धर्म में अगाध आस्था |
II. अपने सम्प्रदाय या धर्म में अगाध आस्था एवं अन्य धर्मों के प्रति आदर भाव |
III. विश्व के सभी धर्मों में आस्था रखना |
IV. अपने सम्प्रदाय या धर्म को श्रेष्ठ मानते हुए दूसरे सम्प्रदाय या धर्म को गलत ठहराना अथवा द्वेष रखना |
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