सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित कविता भारत माता का उद्देश्य बताइए
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भारतामाता ग्रामवासिनी कविता का उद्देश्य
हिंदी के प्रसिद्ध कवि ‘सुमित्रानंदन पंत’ रचित कविता “भारतमाता ग्रामवासिनी” भारत और भारतवासियों की दशा का वर्णन करती है।
इस कविता का उद्देश्य ये स्पष्ट करना है कि असली भारत तो गांवों में निवास करता है। परन्तु भारत के गांवों में बसने वाले उन ग्रामीणों की दशा अत्यन्त दयनीय है। उनके पास पहनने को पर्याप्त वस्त्र नही, खाने को भरपेट भोजन नही, वो अशिक्षित हैं, भोले-भाले हैं, पीड़ित और शोषित हैं, उनको सदैव दबाया जाता रहा है।
कवि ये स्पष्ट करना चाहता है कि भारतमाता के असली स्वरूप को देखना है तो भारत के गांवों में जाओं। भारतमाता इन ग्रामीणों के रूप में है, पर भारतमाता प्रवासिनी बन कर रह गयी है, क्योंकि अपने ही देश में उसको इन ग्रामीणों के रूप में सताया जाता रहा है। अंग्रेजों ने इनको प्रताड़ित किया, लेकिन अंहिसा रूपी हथियार से इनका तप सफल हो गया है और अंग्रेजों को भगा दिया गया है।
इस कविता में कवि में गुलाम भारत के निवासियों की स्थिति और अपनी आजादी के लिये किये गये प्रयासों का चंद पंक्तियों के माध्यम से भारतमाता की असली संतानों की संघर्षशीलता का महत्व बताया है।