Hindi, asked by sumanyadav98aman, 4 months ago

सामने है घुप्प अंधेरा
और मैं सूरज नहीं
हूं
क्या इसी एहसास में जिऊं
या जैसा भी हूं नन्हा - सा
इक दीया तो हूं
क्यों ना उसी की उजास में जिऊं।।
क) घुप्प का पर्यायवाची लिखिए।
ख) सूरज ना होने पर भी कभी निराश क्यों नहीं है ?
ग) कभी अपने आप को दीया क्यों कहता है ?
घ) इस कविता का संदेश स्पष्ट कीजिए।
ड) इस कविता का एक उचित शीर्षक दीजिए।​

Answers

Answered by bs4783874
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क ) घुपप का पयार्यवाची है गहरा

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