सुमनांत तू गगनात तू
ताऱ्यांमध्ये फुलतोस तू
सद्धर्म जे जगतामधे
सर्वांत त्या वसतोस तू
चोहीकडे रूपे तुझी जाणीव ही माझ्या मना।।
Answers
Answer:
भाई पता नहीं
Explanation:
आप पूरा तो लिखो की क्या करना है ।
✌✌✌
Answer:
सर्वात्मका शिवसुंदरा स्वीकार या अभिवादना
तिमिरातूनी तेजाकडे प्रभू आमुच्या ने जीवना ॥ धृ. ॥सुमनांत तू, गगनांत तू
तार्यांमध्ये फुलतोस तू
सद्धर्म जे जगतामध्ये
सर्वांत त्या वसतोस तू
चोहीकडे रूपे तुझी जाणीव ही माझ्या मना ॥
श्रमतोस तू शेतामध्ये
तू राबसी श्रमिकांसवे
जे रंजले अन गांजले
पुसतोस त्यांची आसवे
स्वार्थावीना सेवा जिथे तेथे तुझे पद पावना ॥
करुणाकरा करुणा तुझी
असता मला भय कोठले?
मार्गावरी पुढती सदा
पाहीन मी तव पाउले
सृजनत्व या हृदयामध्ये नित जागवी भीतीविना ॥
-- कुसुमाग्रज
means
अखिल दौर शिवसुंदर स्वीकार या नमस्कार
भगवान अमूर का जीवन सुबह में प्रकाश में आया। का सामना करना पड़ा। तुम सुंदर हो
आप सितारों में खिलते हैं
दुनिया में साधु
जिस तरह से आप हैं
मेरा दिमाग
आप श्रम के क्षेत्र में हैं
क्या आप काम करते हैं
जे रंजले अन आनंद
पुष्तोस उनके हैं
स्वार्थी सेवा जहां आप वहां अपना काम प्राप्त कर सकते हैं।
दयालु करुणामय
तुमने मुझे कहाँ डर दिया?
हमेशा सड़क पर हमेशा के लिए
मैं तुम्हें देखूंगा
रचनात्मकता या दिल में डर के बिना।
- कुसुमगराज