सोना इसी प्रकार अचानक आयी थी, परन्तु वह अब तक अपनी शैशवावस्था भी पार नहीं
कर सकी थी। सुनहरे रंग की रेशमी लच्छों की गाँठ के समान उसका कोमल लघु शरीर था।
write the sandhrb , parasng and vayakhya ... writter name mahadevi verma...
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सोना इसी प्रकार अचानक आयी थी, परन्तु वह अब तक अपनी शैशवावस्था भी पार नहीं कर सकी थी। सुनहरे रंग की रेशमी लच्छों की गाँठ के समान उसका कोमल लघु शरीर था।
संदर्भ ► यह पंक्तियां ‘महादेवी वर्मा’ द्वारा लिखित “सोना” नामक पाठ से ली गई है, जो एक संस्मरण रेखाचित्र है। यह रेखाचित्र महादेवी वर्मा की ‘सोना’ नामक पालतू हिरनी से संबंधित है।
प्रसंग ► इस इन पंक्तियों के माध्यम से ‘महादेवी वर्मा’ ने ‘सोना’ नामक अपनी हिरनी के शारीरिक सौंदर्य के बारे में वर्णन किया है कि वह किस प्रकार उसकी काया थी।
व्याख्या ► लेखिका कहती है कि सोना उनके जीवन में अचानक आ गई थी, वह उस समय एकदम छोटी थी, यानी वह अपनी शैशवास्था को भी पूरी तरह पार नहीं कर पाई थी। उसकी काया सुनहरे रंग की थी, जिस पर रेशमी लच्छों की भांति उसके बाल थे और जो उसकी सुनहरी काया को एक अद्भुत सौंदर्य प्रदान करते थे। उसका शरीर बेहद नरम और कोमल था।
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