Hindi, asked by Anonymous, 11 months ago

सिनेमा को शिक्षित अभिनेताओं की आवश्यकता क्यों है। only in Hindi.



dont answer if you dont know​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

भारतीय सिनेमा के अन्तर्गत भारत के विभिन्न भागों और भाषाओं में बनने वाली फिल्में आती हैं जिनमें हिन्दी सिनेमा (बॉलीवुड), तेलुगू सिनेमा (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना), असमिया सिनेमा (असम), मैथिली सिनेमा (बिहार), ब्रजभाषा चलचित्रपट (उत्तर प्रदेश), गुजराती सिनेमा (गुजरात), हरियाणवी सिनेमा (हरियाणा), कश्मीरी (जम्मू एवं कश्मीर), झॉलीवुड (झारखंड), कन्नड सिनेमा (कर्नाटक), मलयालम सिनेमा (केरल), मराठी सिनेमा (महाराष्ट्र), उड़िया सिनेमा (ओडिशा), पंजाबी सिनेमा (पंजाब), राजस्थान का सिनेमा (राजस्थान), कॉलीवुड (तमिलनाडु) और बाङ्ला सिनेमा (पश्चिम बंगाल) शामिल हैं।[8] भारतीय सिनेमा ने २०वीं सदी की शुरुआत से ही विश्व के चलचित्र जगत पर गहरा प्रभाव छोड़ा है।। भारतीय फिल्मों का अनुकरण पूरे दक्षिणी एशिया, ग्रेटर मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्व सोवियत संघ में भी होता है। भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से अब संयुक्त राज्य अमरीका और यूनाइटेड किंगडम भी भारतीय फिल्मों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बन गए हैं। एक माध्यम(परिवर्तन) के रूप में सिनेमा ने देश में अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की और सिनेमा की लोकप्रियता का इसी से अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहाँ सभी भाषाओं में मिलाकर प्रति वर्ष 1,600 तक फिल्में बनी हैं। भारतीय सिनेमा किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक लोगों द्वारा देखी गई फिल्मों का उत्पादन करता है; 2011 में, पूरे भारत में 3.5 बिलियन से अधिक टिकट बेचे गए, जो हॉलीवुड से 900,000 अधिक थे।भारतीय सिनेमा कभी-कभी बोलचाल की भाषा में इंडीवूड के रूप में जाना जाता है.

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Answered by Dheerajnaik46257
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ok

bye

all girls r same

........... good bye

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