सुनत जोग लागत है ऐसो ज्यों करुई ककरी-इस पंक्ति में किस अलंकार की शोभा है
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Answer:
इसमे उपमा और उत्प्रेक्षा अलंकार दोनों है।
Explanation:
उपमा - -----दो अलग -अलग चीजों की तुलना ।
उत्प्रेक्षा-------- 'ज्यों ' शब्द का प्रयोग हुआ है।
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सुनत जोग लागत है ऐसो ज्यों करुई ककरी-इस पंक्ति में किस अलंकार की शोभा है?
सुनत जोग लागत है ऐसो ज्यों करुई ककरी-इस पंक्ति में ‘उपमा अलंकार’ और ‘अनुप्रास अलंकार’ की शोभा दिखायी दे रही है।
सुनत जोग लागत है ऐसो ज्यों करुई ककरी
अंलकार : उपमा अलंकार
कारण : इस पंक्ति में सुनत जोग लागत है ऐसो ज्यों करुई ककरी ‘उपमा अलंकार’ है, क्योंकि ‘जोग’ और ‘करुई ककरी’ के अलग अलग रूप और गुणधर्म होते हुए भी दोनों में समानता दर्शायी गयी है।
करुई ककरी
अलंकार : अनुप्रास अलंकार
कारण : क्योंकि इस पंक्ति करुई ककरी में ‘क’ वर्ण की दो बार आवृत्ति हुई है।
व्याख्या :
उपमा अलंकार : उपमा अलंकार से तात्पर्य उस अलंकार से होता है, जहाँ दो अलग-अलग व्यक्तियों या वस्तुओं के रूप, गुण और धर्म में अंतर होते हुए भी उनमें समानता दर्शाई जाए। उपमा अलंकार के चार अंग होते हैं,
जहाँ एक वर्ण की ही आवृत्ति बार बार होती है, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।किसी काव्य में किसी शब्द के प्रथम वर्ण की एक से अधिक बार आवृत्ति हो, तो वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।