Hindi, asked by deepakkumat358, 7 months ago

सिपाही(=kavita)
वनिता की ममता न हुई , सुत का न मुझे कुछ छोह हुआ ,

ख्याति , सुयश , सम्मान , विभव का , त्यों ही , कभी न मोह हुआ ।

जीवन की क्या चहल - पहल है , इसे न मैंने पहचाना ,

सेनापति के इक इशारे पर मिटना केवल जाना ।

मसि की तो क्या बात ? गली की ठिकरी मुझे भुलाती है ,

जीते जी लड़ मरूँ , मरे पर याद किसे फिर आती है ?

इतिहासों में अमर रहूँ , है ऐसी मृत्यु नहीं मेरी ,

विश्व छोड़ जब चला , भुलाते लगती फिर किसको देरी ?

जग भूले , पर मुझे एक बस सेवा - धर्म निभाना है ,

जिसकी है यह देह , उसी में इसे मिला मिट जाना है ।

विजय - विटप को विकच देख , जिस दिन तुम हृदय जुड़ाओगे ,

फूलों में शोणित की लाली , कभी समझ क्या पाओगे ?

वह लाली हर प्रात :, क्षितिज पर आकर तुम्हें जगाएगी , सायंकाल नमन कर माँ को , तिमिर - बीच खो जाएगी ।

देव करेंगे विनय , किंतु क्या स्वर्ग बीच रुक पाऊँगा ,

किसी रात चुपके उल्का बन , कूद भूमि पर आऊँगा ।

तुम न जान पाओगे , पर , मैं रोज़ खिलूँगा इधर - उधर ,

कभी फूल की पंखुड़ियाँ बन , कभी एक पत्ती बनकर ।

न्योछावर मैं एक फूल पर , जग की ऐसी रीत कहाँ ?

एक पंक्ति मेरी सुधि में भी , सस्ते इतने गीत कहाँ ?

कविते ! देखो विजन विपिन में , वन्य कुसुम का मुरझाना ,

व्यर्थ न होगा इस समाधि पर दो आँसू - कण बरसाना ।


संक्षेप में उत्तर लिखिए

क . एक सैनिक के लिए किसका मोह नहीं होता है ?
ख . सैनिक इतिहास में अमर क्यों नहीं होना चाहता है ?
ग . हमारे बीच सैनिक किस रूप में रहेगा ?

Answers

Answered by sambhukr83
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  1. एक सैनिक के लिए अपने जीवन का मुंह नहीं होता है सैनिक इतिहास में अमर इसलिए नहीं रहना चाहता है क्योंकि वहां अपने सेनापति के कहने पर देश के लिए मिटना जानना चाहता
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