सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जो हिंदू कॉलेज के करण से जुड़े हुए थे उसका जवाब चाहिए
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जस्टिस बोबडे ने 18 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश की शपथ ली. सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो गए. न्यायाधीश बोबडे के पास 18 महीने का ही कार्यकाल है. न्यायाधीश बोबडे का कहना है कि सभी मुक़दमों में न्याय सुनिश्चित करना उनका फौरी लक्ष्य है.
वो यदि न्यायपालिका में बहु-प्रतीक्षित सुधार करके उन्हें अमल में लाना चाहते हैं तो इसके लिए उनके पास समय बहुत अधिक नहीं है. लेकिन उनके सामने चुनौतियां ज़रूर हैं.
परंपरा का पालन करते हुए मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने सेवानिवृत्त होने से ठीक एक महीने पहले अपनी अनुशंसा क़ानून मंत्रालय को भेजी थी.
Image copyrightGETTY IMAGESजस्टिस रंजन गोगोई
जस्टिस बोबडे को कितना जानते हैं आप?
24 अप्रैल 1956 को जन्मे न्यायाधीश बोबडे नागपुर में पले-बढ़े. एसएफएस कॉलेज से उन्होंने बीए किया. साल 1978 में नागपुर यूनिवर्सिटी से क़ानून की डिग्री हासिल की.
13 सितंबर 1978 को उन्होंने वकील के तौर पर अपना नामांकन कराया और बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में प्रैक्टिस की. साल 1998 में उन्हें सीनियर एडवोकेट नामित किया गया.
29 मार्च 2000 को उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट में एडिशनल जज नियुक्त किया गया. 16 अक्तूबर 2012 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चीफ़ जस्टिस बनने के बाद अगले ही वर्ष साल 2013 में उन्हें उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश बनाया गया. उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख़ 23 अप्रैल 2021 है.
न्यायाधीश बोबडे का संबंध वकीलों के परिवार से रहा है. उनके दादा एक वकील थे जिन्होंने शायद कभी कल्पना नहीं की होगी कि उनका पोता एक दिन सर्वोच्च न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश होगा.
उनके पिता अरविंद बोबडे महाराष्ट्र में एडवोकेट जनरल रहे हैं. उनके बड़े भाई दिवंगत विनोद बोबडे भी सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील थे. उनकी बेटी रुक्मणि भी दिल्ली में वक़ालत कर रही हैं. बेटा श्रीनिवास भी मुंबई में पेशे से वकील है.
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