संपोषित विकास और विकास में अंतर पूरा बताइए
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संपोषित विकास वह विकास है जो वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ भावी पीढ़ी की आवश्यकताओं की पूर्ति भी सुनिश्चित करता है। संपोषित विकास के अन्तर्गत संसाधनों का सीमित उपयोग होता है और साथ ही उसके संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता है जिससे आने वाली पीढ़ियाँ भी लाभान्वित हो सकें।
संपोषित विकास एवं सामान्य विकास में अंतर बताइए।
संपोषित विकास एवं सामान्य विकास में अंतर :
संपोषित विकास :
संपोषित विकास वह विकास होता है, जिसमें विकास के कार्यक्रम इस तरह सुनिश्चित किए जाते हैं कि प्राकृति संसाधनों का इस तरह उपयोग हो ताकि वह वर्तमान पीढ़ी के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी के लिए भी सुरक्षित रहें।
संपोषित विकास में वर्तमान पीढ़ी और भावी पीढ़ी दोनों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विकास सुनिश्चित किया जाता है।
संपोषित विकास में संसाधनों का सीमित व विवेकपूर्ण उपयोग किया जाता है और उनके संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जिससे भावी पीढ़ी भी उन संसाधनों से लाभान्वित हो सकें।
सामान्य विकास :
सामान्य विकास विकास होता है, जिसमें अंधाधुंध विकास का रास्ता बनाया जाता है। इसमें संसाधनों का अत्याधिक दोहन किया जाता है और आने वाली पीढ़ी के लिए संसाधन बचेंगे या नहीं इस बात की परवाह नहीं की जाती है। इसमें केवल वर्तमान पीढ़ी के हितों को ध्यान में रखा जाता है और संसाधनों का अधिक दोहन करके भावी पीढ़ी के लिए संकट के रास्ते भी तैयार कर दिए जाते हैं।
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