Hindi, asked by imroopkumar, 3 months ago

संपादन से क्या अभिप्राय है इसके सिद्धांतों का वर्णन करें​

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Answered by miteshdixit741
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किसी घटना वृत्तांत आदि को संग्रहित करके उसकी अशुद्धियों को निकाल कर पाठकों तक संप्रेषण करना संपादन कहलाता है। इसके तीन सिद्धांत निम्नलिखित है –

निष्पक्षता – कोई भी संपादक को घटना का शुद्ध रूप पाठकों का तक तभी पहुंचा सकता है , जब संपादन शुद्ध रूप से हो। उस घटना में किसी व्यक्ति का , अथवा किसी संस्था का हस्तक्षेप ना हो।

तथ्यों की शुद्धता – संपादन के लिए यह दूसरी आवश्यक सामग्री है। किसी भी घटना को शुद्ध रूप से व्यक्त किया जाए। उसमें अपने विचार , अपने मत , तथ्य उस घटना में कुछ तोड़ – जोड़ कर पेश नहीं किया जाना चाहिए। अन्यथा यह संपादन का शुद्ध रूप नहीं रह जाता।

संतुलन स्रोत – संपादन के लिए यह अति महत्वपूर्ण तथ्य है कि , किसी भी घटना को संप्रेषित करने से पूर्व उस घटना में संतुलन रखा जाना चाहिए। क्योंकि कई बार उस घटना से हिंसक विचार पाठक तक पहुंच जाता है , जिससे पाठक का मन विचलित व खिन्न हो जाता है। इसलिए यह अति आवश्यक है की शब्दों का चयन व उसके द्वारा पड़ने वाला प्रभाव , सम्प्रेषित कर रहे व्यक्ति के मस्तिष्क में अवश्य हो |

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