Social Sciences, asked by depress51, 11 months ago

सिर्फ़ तेरी याद साथी है
मेरी फ़रियाद बाकी है
जिस्म और जान का मिटादे फ़ासला

मेरे ख्वाबों में जो रंग है
वो खिलते बस तेरे संग है
जुड़के तुझसे मुकम्मल होगी दास्तां

एक तेरा रास्ता
इक मेरा रास्ता

Answers

Answered by Anonymous
5

very nice.....keep it up.......

btw r u very much depressed mr. depress

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