Hindi, asked by farhanasana26, 6 months ago

सारे जहाँ से अच्छा
सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्ताँ हमारा।
हम बुलबुलें हैं इसकी, ये गुलसिताँ हमारा।।
परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का।
वो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा।।
गोदी में खेलती हैं, इसकी हज़ारों नदियाँ।
गुलशन
है जिनके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हमारा।।
मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना।
हिंदी हैं हम वतन हैं, हिंदोस्ताँ हमारा।। who wrote this poem​

Answers

Answered by ayeshakhuntia2007
0

Answer:

Muhammad Iqbals

Explanation:

JAI HIND

Answered by beautymandal1978
0

Answer:

सारे जहाँ से अच्छा

सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्ताँ हमारा।

हम बुलबुलें हैं इसकी, ये गुलसिताँ हमारा।।

परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का।

वो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा।।

गोदी में खेलती हैं, इसकी हज़ारों नदियाँ।

गुलशन

है जिनके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हमारा।।

मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना।

हिंदी हैं हम वतन हैं, हिंदोस्ताँ हमारा।।

This poem wrote by " MAHAMMAD IKBAL "

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