Hindi, asked by nidhichoudharyvdjs, 16 days ago

'सूर के पद' पाठ में दूसरे पद में निहित भावों को अपने शब्दों में लिखिए।​

Answers

Answered by kanchanbhadoriya81
0

Answer:

भ्रमरगीत की निम्नलिखित विशेषताएँ इस प्रकार हैं -

(1) सूरदास ने अपने भ्रमर गीत में निर्गुण ब्रह्म का खंडन किया है।

(2) भ्रमरगीत में गोपियों के कृष्ण के प्रति अनन्य प्रेम को दर्शाया गया है।

(3) भ्रमरगीत में उद्धव व गोपियों के माध्यम से ज्ञान को प्रेम के आगे नतमस्तक होते हुए बताया गया है, ज्ञान के स्थान पर प्रेम को सर्वोपरि कहा गया है।

(4) भ्रमरगीत में गोपियों द्वारा व्यंग्यात्मक भाषा का प्रयोग किया गया है।

(5) भ्रमरगीत में उपालंभ की प्रधानता है।

(6) भ्रमरगीत में ब्रजभाषा की कोमलकांत पदावली का प्रयोग हुआ है। यह मधुर और सरस है।

(7) भ्रमरगीत प्रेमलक्षणा भक्ति को अपनाता है। इसलिए इसमें मर्यादा की अवहेलना की गई है।

(8) भ्रमरगीत में संगीतात्मकता का गुण विद्यमान है।

Similar questions