Hindi, asked by anujkumar1193, 5 months ago

सूर समर करनी करहिं, कहि न जनावहिं आए।
विद्यमान रन पाइ रिपु, कायर कथहिं प्रतापु।। भवार्थ​

Answers

Answered by shreyabansal5
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Answer:

शूरवीर तो युद्ध में करनी (शूरवीरता का कार्य) करते हैं, कहकर अपने को नहीं जनाते। शत्रु को युद्ध में उपस्थित पाकर कायर ही अपने प्रताप की डींग मारा करते हैं॥

Answered by chamilmajumder
4

Answer:

सूर समर करनी करहिं कहि न जनावहिं आपु। 

बिद्यमान रन पाइ रिपु कायर कथहिं प्रतापु।

अर्थ 

तुलसी दास के  अनुसार बहादुर व्यक्ति अपनी वीरता युद्ध के मैदान में शत्रु के सामने युद्ध लड़कर दिखाते हैं और कायर व्यक्ति लड़कर नहीं बल्कि अपनी बातों से ही वीरता दिखाते हैं।

सूर समर करनी करहिं कहि न जनावहिं आपु। बिद्यमान रन पाइ रिपु कायर कथहिं प्रतापु।। तुलसीदास जी कहते हैं, जब कभी युद्ध होता है, तो शूरवीर युद्ध के मैदान में खड़े होकर शूरवीरता का कार्य करते हैं, शूरवीरता का बखान नहीं करते। शत्रु को युद्ध में उपस्थित पाकर कायर ही अपने प्रताप की डींग मारा करते हैं।

Explanation:

तुलसीदास के विचारों ने समय -समय पर देश के लोगों को नई ऊर्जा और सोच का अनुभव कराया है। तुलसीदास की दूरदर्शिता और ऊर्जावान विचार आज भी लोगों को एक नई राह दिखाने का सामर्थ्य रखते हैं।

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