History, asked by satishkr9891, 10 months ago

सार्वभौमिक मताधिकार किसे कहते हैं​

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Answered by ganeshsahni57209
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Explanation:

सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का अर्थ है कि सभी नागरिक जो अपनी जाति या शिक्षा, धर्म, रंग, नस्ल और आर्थिक स्थितियों की परवाह किए बिना 18 या उससे अधिक उम्र के हैं, वोट देने के लिए स्वतंत्र हैं। ... सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव का आधार है।

Answered by Anonymous
133

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  • लोकतंत्र में सार्वभौमिक व्यस्त मताधिकार क्यों महत्वपूर्ण है.

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  • लोकतंत्र में सार्वभौमिक व्यस्त मताधिकार क्यों महत्वपूर्ण है.

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  • ⟼यह लोकतंत्रिक समाज का अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है इसका अर्थ है कि सभी वयस्क 18 साल और उससे अधिक आयु के नागरिकों को वोट देने का अधिकार है चाहे उनकी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो।

  • इस पाठ के अधिक प्रश्न और उत्तर

2 ⟼ओमप्रकाश वाल्मीकि और अंसारी दंपति का अनुभव निम्न रूप से सामान था.

  • ओमप्रकाश वाल्मीकि को समाज के अन्य उच्च वर्गों के छात्रों से अलग फर्क पर बैठना पड़ता था और शिक्षकों के द्वारा भी उसे झाड़ लगवाया जाता था उसी तरह से अंसारी दंपति को भी लोग अपने मकान में कमरा नहीं देना चाहते थे.
  • ओमप्रकाश वाल्मीकि के साथ समानता का व्यवहार जातिगत कारणों से किया गया था जबकि अंसारी दंपति के साथ समानता का व्यवहार धार्मिक कारणों से किया गया था.

3. कानून के सामने सब व्यक्ति बराबर है इस कथन से आप क्या समझते हैं आपके विचार से यह लोकतंत्र में महत्वपूर्ण क्यों है.

  • कानून के समक्ष सभी व्यक्ति बराबर हैं चाहे वह राष्ट्र का सबसे बड़ा पद राष्ट्रपति हो या एक सामान्य नागरिक सभी को एक तरह के अपराध के लिए एक ही तरह के दंड देने का प्रावधान है.
  • कानून किसी भी व्यक्ति के साथ उसके जाति धर्म लिंग वन क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं करता है कानून के समक्ष भारत के सभी नागरिक के समान है हमारे विचार के कानून के समक्ष समानता से लोगों में यह संदेश जाता है कि देश में किसी के साथ भेदभाव नहीं हो रहा है और हम कानून के समक्ष सामान्य जनता का भी वह महत्व है जो एक बड़े पद पर बैठे व्यक्ति का इसे लोकतंत्र काफी मजबूत होता है.

  • आशा है यह उत्तर आपकी मदद करेगा

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