सार्वजनिक स्वच्छता एवं आरोग्य
इस विषय पर हिंदी निबंध लिखिए।
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स्वच्छता हर एक की पहली और प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिये। सभी को ये समझना चाहिये कि खाने और पानी की तरह ही स्वच्छता भी बेहद आवश्यक है। बल्कि, हमें स्वच्छता को खाने और पानी से ज्यादा प्राथमिकता देनी चाहिये। हम केवल तभी स्वस्थ रह सकते है जब हम सब कुछ बहुत सफाई और स्वास्थ्यकर तरीके से लें। बचपन सभी के जीवन का सबसे अच्छा समय होता है जिसके दौरान स्वच्छता की आदत में कुशल हो सकते है जैसे चलना, बोलना, दौड़ना, पढ़ना, खाना आदि अभिभावक के नियमित निगरानी और सतर्कता के साये में हो।
स्कूल और कॉलेजों में स्वच्छता के विभिन्न प्रकारों के विषय पर विद्यार्थीयों को बहुत सारे होमवर्क दिये जाते है। आज के दिनों में ये बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, क्योंकि एक बहुत बड़ी जनसंख्या स्वच्छता के अभाव में बीमारी की वजह से रोज मर रही है। इसलिये, हमें जीवन में स्वच्छता के महत्व और जरुरत के बारे में जागरुक होना बेहद आवश्यक है। हजारों जीवन को बचाने और उन्हें स्वस्थ जीवन देने के लिये हम सभी को मिलकर स्वच्छता की ओर कदम बढ़ाने की जरुरत है। हमारे प्रधानमंत्री, नरेन्द्र मोदी ने एक अभियान चलाया जिसे “स्वच्छ भारत” कहा गया। भारतीय नागरिक के रुप में हम सभी को इस अभियान के उद्देश्य और लक्ष्य को पूरा करने में सक्रिय रुप से भाग लेना चाहिये।
"स्वास्थ्य ही जीवन है", "स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है" या "स्वास्थ्य ही धन है" ऐसे और भी न जाने कितने कथ्य और कथन हम बचपन से अबतक सुनते आ रहे हैंIइसके बाद हमारे सामने इस आशय के भी अनगिनत कथ्य हैं कि स्वच्छता में ईश्वर का वास होता है कि "Cleanliness is next to the Godliness"Iकहने का तात्पर्य यह कि स्वच्छता और आरोग्य अर्थात् स्वस्थ शरीर एकसाथ चलते हैंI जहां स्वच्छता होगी वहीं आरोग्य होगा, और इसके लिए हमें किसी और की प्रतीक्षा करने की नहीं अपितु स्वयं आगे बढ़कर चलने की ज़रूरत है,अन्यथा हम विरासत में अपनी आने वाली पीढ़ियों को रोगयुक्त जीवन देकर जायेंगे जबकि हमारा कर्त्तव्य ये कहता है कि हम उन्हें रोगमुक्त जीवन,रोगमुक्त समाज और रोगमुक्त देश देकर जाएँIहमारे यहाँ सदियों से एक मान्यता चली आ रही है कि जिस घर में या मोहल्ले-समाज में साफ़-सफ़ाई होती है वहीं पर देवी लक्ष्मी का वास होता हैIयदि हम इसे मान्यता और विश्वास के दायरे से निकल कर यथार्थ रूप में देखें तो इस बात का अर्थ यह है कि यदि हम सफाई रखेंगे तो निरोग रहेंगे,चिकत्सा और चिकित्सक पर व्यय नहीं होगा अर्थात लक्ष्मी पास ही रहेंगी,हम स्वस्थ होंगे तो अधिक काम कर सकेंगे अधिक अर्जित कर सकेंगे यानी धन हमारे पास होगा और लक्ष्मी का वास होगाI अर्थात स्वच्छता का हमारे स्वास्थ्य से घनिष्ठ सम्बन्ध तो है ही और इसके लिए आवश्यक है कि हम सार्वजनिक स्वच्छता पर विशेष ध्यान देंIइसलिए ये अत्यावश्यक है कि हम अपनी और अपने घर की साफ़-सफ़ाई के साथ-साथ अपने आस-पास की साफ़-सफ़ाई पर भी पूरा ध्यान देंIजब कभी भी साफ़ सफाई के महत्त्व और इसके उद्देश्यों के बारे में चर्चा होती है तो लोगों के दिमाग में अपना बाथरूम,टॉयलेट और टॉयलेट क्लीनर,कूड़े का डब्बा और बाथरूम के फर्श,रसोई की नाली के अतिरिक्त और कुछ ख़याल भी नहीं आता जबकि सार्वजनिक स्थानों जहाँ पड़े कचरे और उनमे पनप रहे कीटाणुओं की अधिकता हो सकती है,हमें उसपर भी अपना ध्यान केन्द्रित करने की ज़रूरत हैI