सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की तोड़ती पत्थर कविता की समीक्षा का वर्णन कीजिए?
Answers
Answered by
3
Answer:
पूँजीवादी व्यवस्था द्वारा किए जा रहे शोषण को देखकर निराला बहुत बेचैन होते थे। उनकी अनेक रचनाओं में यह बेचैनी और पीड़ा झलकती है। 'वह तोड़ती पत्थर' कविता में भी श्रमिक नारी के जीवन और उसके प्रति समाज की हृदयहीनता का अंकन किया गया है। निराला का अपना जीवन भी कष्ट भोगते हुए बीता।
Similar questions
Environmental Sciences,
3 months ago
Math,
3 months ago
Music,
3 months ago
Social Sciences,
7 months ago
Math,
7 months ago
English,
11 months ago