सुरभित, सुंदर, सुखद सुमन तुझ पर खिलते हैं
भाँति-भाँति के सरस, सुधोपम फल मिलते हैं
औषधियाँ हैं प्राप्त एक-से-एक निराली,
खानें शोभित कहीं धातु वर रत्नों वाली।इन पक्तियो का अर्थ लिखे
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Tipeing agian clearly the world and oppsenes
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