संरक
फुकन । निम्नलिखित गदोश को पटाला प्रपनो उत्तर लिखिर-(10)
" मानव जीवन में कितनी संभावना तिी है, इसकी कोई
सीमा नही है। पशु से लेकर देवत तक की सारी सीदिया
मानती चोले (प्रारी) से होता गुजरती है । गर्न एक की
है-उसके लिए चुनौतियों को स्वीकार करना बिना
चुनौती के सारी संभावना सोई राती है। संसाने
जितने भी वैबर चा प्रतापुर , मन प्रपने -
सपने समय की चुनौतिभो के उत्तर है। हरेक
अपनी ननौतियों की है मामय उन चुनौतियों को
जती पहचान पाता है, न उनका सामना करनेमा सामा
जुटा पाता है। यह नस्वी पुरुष उन चुनौतियों को पहचान
कर उनका उत्तर देने के लिए मैदान से कूद पड़ता है, लोग
महापुरूर 'र सब उसना अनुगमन करने को तैयार
हो जाते है। संसार मे जान-विज्ञान की जितनी भी उन्नति
हुई है, उस सबके मूल में भी वही-युनौतियों वाली बात है।
मनुष्य
में
कुछ प्रश्न पैदा होते है, उन प्रश्नों का
उत्तर देने के लिए वह अपनी हि का प्रयोग करता है।
लिए कुछ नए प्रश्न पैदा होते है, वह गिर पुनला उत्तर देने
या प्रमल करता है- और मोजान-विज्ञान की दृष्टि से
मानव-कोश मे वृद्धि होती चली जाती है।"
(1) मानव जीवन मे-चुनौतियों का क्या महल है?
सामान्य मनुम्म तेजस्वी कम नहीं बन पाता?
(3) जान-विजान में उन्नति- मिस पुयार होती है।
(G) 'मानवीय चोले-
(9 अमर गदगंश का उचित शीर्षक निखिए
(6)
चुनौतियों को पहचानकर उनला उत्तर देने लिए
मैदान में पढ़ने वालों को लोग मा कहते है
2
2
से क्या अभिप्राय
1
Answers
Answered by
1
Answer:
संरक
फुकन । निम्नलिखित गदोश को पटाला प्रपनो उत्तर लिखिर-(10)
" मानव जीवन में कितनी संभावना तिी है, इसकी कोई
सीमा नही है। पशु से लेकर देवत तक की सारी सीदिया
मानती चोले (प्रारी) से होता गुजरती है । गर्न एक की
है-उसके लिए चुनौतियों को स्वीकार करना बिना
चुनौती के सारी संभावना सोई राती है। संसाने
जितने भी वैबर चा प्रतापुर , मन प्रपने -
सपने समय की चुनौतिभो के उत्तर है। हरेक
अपनी ननौतियों की है मामय उन चुनौतियों को
जती पहचान पाता है, न उनका सामना करनेमा सामा
जुटा पाता है। यह नस्वी पुरुष उन चुनौतियों को पहचान
Explanation:
hope it helps you mark.me as brainlist
Similar questions