सूरदास के पद पाठ के आधार पर बच्चों के प्रति समाज में किए जाने वाले वयवहार की विवेचना कीजिए।
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सूरदास के पद पाठ के आधार पर बच्चों के प्रति समाज में किए जाने वाले वयवहार की विवेचना
Explanation:
" १) इस पद में कवि कहते हैं कि बच्चे सब कुछ समझते हैं। वह खेल और अपने खिलाड़ियों को भी समझता है। वे जातिवाद और सभी जानते हैं।
2) श्रीकृष्ण अपने पिता, पैसे और जाति के नाम का उपयोग कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने उन्हें चेतावनी दी कि न करें क्योंकि हम समान परिवार से हैं। और हमें आपके साथ खेलने का समान अधिकार है।
3) इसलिए कवि कहता है कि बच्चों ने अपनी जड़ से हर चीज का अध्ययन किया है इसलिए हम उन्हें धोखा नहीं दे सकते। वे जानते हैं कि जो अच्छा है वह बुरा है। गुस्से में वे सभी एक हैं। इसलिए हम उन्हें खेलों में धोखा नहीं दे सकते। वे जानते हैं कि वे कृष्ण के साथ खेलने में सक्षम हैं।"
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