सूरदास कृष्ण के बाल रूप का वर्णन किस प्रकार कर सकते हैं?
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प्रसंग: प्रस्तुत पद भक्तिकाल के कृष्णभक्त कवि सूरदास द्वारा रचित 'सूरसागर' से लिया गया है। इस पद में माता यशोदा की शिशुपरक अभिलाषा का चित्रण किया है। माता यशोदा चाहती हैं कि श्रीकृष्ण घुटनों के बल चलें और वे बोलना सीखकर उन्हें तोतली भाषा में संबोधित करें
उत्तर- सूरदास श्रीकृष्ण के बालरूप से बहुत प्रभावित हैं। वे उनकी बाल क्रीड़ाओं से अत्यंत मोहित हैं। उनका रूप-स्वरूप एक दिव्य आनंद प्रदान करता है। कृष्ण का माखन लेकर चलना, घुटनों के बल चलना, धूल में सना शरीर, मुँह पर दही का लेप आदि सम्मोहन भाव देते हैं।
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