सुसंगति के बारे मे बाई को पत्र liko in 120 words
Please answer my question
I will mark u as brainlist for sure
Answers
Answer:
कमरा नं. 23, ए. एन. झा
छात्रावास, यूनिवर्सिटी रोड,
इलाहाबाद,
दिनांक: 24.08.20…….
प्रिय रंजन,
आशा है कि तुम सकुशल होंगे। कई दिनों से तुम्हारा कोई समाचार प्राप्त नहीं हुआ है। अतः पत्र पाते ही अवश्य लिखना। तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है ? सदैव अच्छी संगति का ही चलन करना।
अच्छी संगति सदैव मनुष्य को सद्मार्ग दिखाती है तथा उसे प्रगति की ओर अग्रसर करती है। भविष्य निर्माण की दिशा में अच्छी संगति की सदैव रचनात्मक भूमिका होती है वहीं दूसरी ओर कुसंगति मनुष्य को पतन का मार्ग दिखाती है। इसलिए मित्रों व संपर्कजनों के चुनाव में अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि तुम जीवन पथ पर सद्संगति के महत्व को सदैव याद रखोगे और अपने सफल, चरित्रवान् व महान व्यक्तित्व से परिवार, समाज व देश के नाम को गौरवान्वित करोगे।
तुम्हारे पत्र की प्रतीक्षा में,
तुम्हारा अग्रज,
सुबंत चक्रवर्ती