संस्कृत भाषा का समाज में क्या योगदान है लिखे।
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संस्कृत भाषा का समाज में क्या योगदान है लिखे।
संस्कृत भाषा का समाज में बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा है। संस्कृत विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा रही है। विश्व की लगभग सभी भाषाओं का संस्कृत से कुछ न कुछ संबंध अवश्य रहा है। भारत की जितनी भी क्षेत्रीय भाषाएं हैं, वह सारी कि सारी संस्कृत से ही निकली है। इसलिए संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। संस्कृत भारतीय समाज की प्राचीनतम भाषा रहीी है। यह संस्कृति और संस्कार की भाषा है। भले ही आज के समय में संस्कृत बहुत अधिक जगह नहीं बोली जाती हो लेकिन प्राचीन काल में संस्कृत ही ही बोलचाल की प्रमुख भाषा थी।
वैदिक संस्कृति की मुख्य भाषा संस्कृत ही रही है। भारत में समाज के निर्माण में संस्कृत भाषा ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह भाषा अमर भाषा है, जो आज भले ही कम बोली जाती हो, लेकिन आज भी प्रासंगिक है। हिंदुओं के प्रत्येक पर्व त्यौहार में संस्कृत भाषा आज भी प्रयुक्त होती है। पूजा के अनेक कार्यों में संस्कृत भाषा आज भी प्रयुक्त होती है। संसार में जितने भी मंत्र हैं अधिकतर संस्कृत भाषा में ही हैं और हिंदुओं के जितने भी देवी-देवताओं से संबंधित मंत्र रहे हैं, वह संस्कृत भाषा में हैं।
अनेक भारतीय प्राचीनतम ग्रंथ हैं जो सारे के सारे संस्कृत भाषा में लिखे गए। विश्व की सबसे पुरानी पुस्तक वेद संस्कृत भाषा में लिखे गये थे। इस तरह संस्कृत संस्कार की भाषा है, संस्कृति की भाषा है। संस्कृत भाषा में ज्ञान की धारा प्रवाहित हुई है, यह मनन, चिंतन, विवेक, सृजन और वैचारिक प्रवाह की भाषा रही है। इस तरह संस्कृत भाषा का समाज में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।